एकादशी के दिन भूलकर भी ना करें ये काम, वरना पाप के बनेंगे भागी

हिंदू धर्म में सभी तिथियों में एकादशी तिथि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है और एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित है। इस दिन किए गए उपवास, जप तप व ध्यान का विशेष महत्व होता है।

धर्म ग्रंथों में बताया गया है कि इस पुण्य तिथि पर कुछ ऐसे कार्य हैं, जिनको वर्जित बताया गया। ऐसा करने से जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है और भगवान विष्णु की नाराजगी का भी सामना करना पड़ता है। 

एकादशी तिथि पर करें यह कार्य

एकादशी के दिन रात में सोना नहीं चाहिए, यह तिथि बेहद पुण्यदायी होती है। इस तिथि को पूरी रात भगवान विष्णु के भजन गाने चाहिए, मंत्र या आरती करनी चाहिए। भगवान विष्णु की प्रतिमा या तस्वीर के सामने बैठकर पूरी रात जागरण करना चाहिए।

एकादशी तिथि पर ना करें इसका सेवन

एकादशी तिथि के दिन भूलकर भी चावल नहीं खाने चाहिए, चाहे आप उपवास ना भी रख रहे हों। धार्मिक कथाओं के अनुसार, एकादशी तिथि के दिन चावल खाने वाला व्यक्ति अगले जन्म में रेंगने वाली योनि में जन्म लेता है। 

एकादशी तिथि पर ध्यान रखें यह बात

एकादशी तिथि के दिन तुलसी के पत्तों को नहीं तोड़ना चाहिए, शास्त्रों में इसे वर्जित बताया गया है। वहीं द्वादशी तिथि को जब पारण करें तो तुलसी के पत्ते से ही करें। लेकिन उस दिन भी व्रती को तुलसी का पत्ता नहीं तोड़ना चाहिए। 

एकादशी तिथि पर ना करें इन चीजों का सेवन

एकादशी तिथि के दिन कुछ चीजें ऐसी हैं, जिनको खाने से बचना चाहिए। जैसे मसूर दाल, चना दाल, उड़द दाल, गोभी, गाजर, शलजम, पालक का साग आदि का सेवन नहीं करना चाहिए। साथ ही इस दिन शारीरिक व मानसिक तौर पर किए जाने वाले बुरे कार्यों को करने से बचना चाहिए।