काबुल, अफगानिस्तान के प्रथम उपराष्ट्रपति अमरुल्लाह सालेह ने मंगलवार को कहा कि वे काबुल में हैं और देश के वैध कार्यवाहक राष्ट्रपति हैं। राजधानी काबुल पर तालिबान द्वारा कब्जा किए जाने से कुछ ही समय पहले राष्ट्रपति अशरफ गनी ने देश छोड़ दिया था। पिछले सप्ताह गनी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा बैठक के दौरान सालेह ने कहा था कि उन्हें सशस्त्र बलों पर गर्व है और सरकार तालिबान के खिलाफ प्रतिरोध को मजबूत करने के लिए सभी तरह के उपाय करेगी। हालांकि अफगानिस्तान तालिबान के कब्जे में आ गया और इसमें महीनों के बजाय कुछ दिनों का समय लगा।
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से तर्क करना बेकार
मंगलवार को सिलसिलेवार ट्वीट में सालेह ने कहा, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन से तर्क करना बेकार है, जिन्होंने अमेरिकी सैनिकों की वापसी का फैसला लिया। उन्होंने अफगान नागरिकों से यह दिखाने का आह्वान किया कि अफगानिस्तान वियतनाम नहीं है।
अफगान सेना का वीडियो आया सामने
संयोग से एक ऐसा वीडियो जारी हुआ है, जिसमें अफगान नागरिकों को अमेरिकी सैन्य विमान में उस समय सवार होने की कोशिश करते देखा जा सकता है, जब वह उड़ान भरने वाला है। इस वीडियो ने 1975 की उस तस्वीर की याद दिला दी है, जिसमें वियतनाम से वापसी के समय लोग एक हेलीकाप्टर पर सवार होने की कोशिश करते दिखे थे।
किसी भी परिस्थिति में तालिबान के सामने कभी नहीं झुकूंगा
सालेह के ठिकाने का फिलहाल पता नहीं है। उन्होंने कहा कि वह किसी भी परिस्थिति में तालिबान के सामने कभी नहीं झुकेंगे। उन्होंने कहा कि वह उत्तरी गठबंधन के नेता अहमद शाह मसूद को कभी धोखा नहीं देंगे, जिनकी 11 सितंबर, 2001 को अमेरिका पर हमले से ठीक पहले अल कायदा के दो गुर्गो द्वारा हत्या कर दी गई थी।