रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध शुरू हो गया है। वहां रह रहे भारतीयों को वापस स्वदेश लाने की कोशिशें चल रहीं हैं। इस बीच उत्तराखंड के छात्र भी फंसे हुए हैं। यूक्रेन के हालात को देखते हुए वहां पढ़ रहे उत्तराखंड के छात्रों को लेकर अभिभावक चिंतित हैं। वह विभिन्न माध्यमों से संपर्क कर अपने बच्चों की जानकारी ले रहे हैं। दैनिक जागरण ने ऐसे ही कुछ परिजनों से बात की
करीब 300 उत्तराखंडी यूक्रेन में फंसे
देहरादून के कोरोनेशन अस्पताल में कार्यरत डाक्टर डीपी जोशी के बेटे अक्षत जोशी भी यूक्रेन में फंसे हुए हैं। बालरोग विशेषज्ञ डीपी जोशी अपने बेटे को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि गुरुवार की सुबह सात बजे उनकी अक्षत जोशी से बात हुई थी। लेकिन अब अक्षत से बात नहीं हो पा रही है। जिसके बाद से वह लगातार अपने बेटे से बात करने की कोशिश कर रहे हैं।
खारक्यू में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं अक्षत
अक्षत यूक्रेन के खारक्यू में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे हैं। वह एमबीबीएस थर्ड ईयर के छात्र हैं। डाक्टर डी पी जोशी ने बताया कि यूक्रेन में रहने वाले भारतीयों को सुरक्षित निकालने के लिए तीन फ्लाइट भेजी गईं थीं, लेकिन बहुत भीड़ थी और टिकट भी बहुत महंगा था। उन्होंने केंद्र सरकार से अपील की है कि यूक्रेन में फंसे उत्तराखंड के लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए समय रहते प्रयास करने चाहिए। उनका कहना है कि यूक्रेन में अभी करीब 300 उत्तराखंडी फंसे हुए हैं। सरकार को उन्हें निकालने के प्रयास तेज करने चाहिए।
उत्तरकाशी के चार छात्र भी यूक्रेन में
उत्तरकाशी जिले के चार छात्र भी यूक्रेन में हैं। इस संबंध में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि चारों छात्रों के माता-पिता से उनकी बात हो चुकी है। चारों छात्र भारतीय दूतावास के संपर्क में हैं। उनके माता-पिता से नियमित संपर्क किया जा रहा है।