नगर निगम में अब एक और नया घोटाला उजागर होता हुआ नजर आ रहा है। निगम पार्षदों ने अफसरों के साथ मिलीभगत कर मोहल्ला स्वच्छता समितियों की आड़ में लगभग 60 करोड़ से भी अधिक की धनराशि का दुरुपयोग किया है। निगम के 100 वार्डों में 1021 पर्यावरण मित्रों की तैनाती की है।जहां इनमें से ज्यादातर को फर्जी पाया गया है।
एक्टिविस्ट एडवोकेट ने किया खुलासा
यह खुलासा आरटीआई एक्टिविस्ट एडवोकेट विकेश नेगी ने किया । एडवोकेट विकेश नेगी की माने तो अनुसार पार्षदों ने जो पर्यावरण मित्र तैनात किये, उनमें कई गड़बड़ियां हैं। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच होनी चाहिए।
समिति की नई सूची-2019 मांगी
एडवोकेट विकेश नेगी ने आरटीआई के माध्यम से नगर निगम से मोहल्ला स्वच्छता समिति की नई सूची-2019 मांगी। आरटीआई से मिली इस सूची में सभी 100 वार्डों में पार्षदों द्वारा 1021 कर्मचारियों की तैनाती की गयी है। इन कर्मचारियों को प्रतिदिन 500 रुपये मिलते हैं। जानकारी के मुताबिक यह राशि पार्षद के माध्यम से इन कर्मचारियों को वितरित की जाती है। सूची में लगभग हर वार्ड में तैनात कई कर्मचारियों के नाम और पते को लेकर संशय की स्थिति है। आरटीआई के माध्यम से उपलब्ध कराई गई सूची में बड़ी संख्या में कर्मचारियों के पते दर्ज नहीं है।
वार्ड में संदिग्ध कर्मचारियों की तैनाती
आरटीआई से मिली लिस्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आये हैं।कुछ वार्डों को छोड़ दिया जाएं तो लगभग सभी वार्ड में संदिग्ध कर्मचारियों की तैनाती हुई है।कई पार्षदों ने ऋषिकेश, ऊधमसिंह नगर, रुड़की के अलावा उत्तर प्रदेश के बिजनौर, मुजफ्फरनगर, सहारनपुर और आजमगढ़ के कर्मचारियों को भी अपनी टीम में शामिल किया है।