देहरादून। उत्तराखंड में बीते 24 घंटों में प्रदेश के 13 जिलों में 630 लोग कोरोना संक्रमित पाए गए। वहीं तीन मरीजों की मौत हुई है। जिसमें देहरादून जिले में 268 संक्रमित मिले हैं। अब तक 347098 लोग स्वस्थ हो चुके हैं। हरिद्वार में 119, नैनीताल में 85, पौड़ी में 72, ऊधमसिंह नगर में 35, बागेश्वर में एक, अल्मोड़ा में 18, चमोली में पांच, टिहरी में चार, चंपावत में आठ, पिथौरागढ़ में चार और उत्तरकाशी जिले में 11 जिले में एक संक्रमित मिले हैं। जबकि 128 मरीजों ने संक्रमण को मात दी है। प्रदेश की रिकवरी दर 96 प्रतिशत घट कर 95.58 प्रतिशत हो गई है। वहीं, सैंपल जांच के आधार पर संक्रमण दर 3.74 प्रतिशत पहुंच गई है।
उत्तराखंड में भी कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर का असर दिखने लगा है। राज्य में लगातार संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है। अब हेल्थ केयर वर्कर भी कोरोना की चपेट में आने लगे हैं। इसी क्रम में गुरुवार को राजकीय मेडिकल कॉलेज श्रीनगर में दो डॉक्टर सहित पांच लोग कोरोना पॉजिटिव मिले हैं। वहीं नैनीताल में सात लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। नैनीताल में बीडी पांडे अस्पताल के पीएमएस डॉ. केएस धामी के मुताबिक नैनीताल में सात लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। तीन दिन पहले इनकी जांच हुई थी। सभी को होम आइसोलेट किया गया है और उनके संपर्क में आए लोगों को भी चिन्हित कर उनकी जांच कराई जा रही है। देहरादून जिले में कोरोना के सबसे ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। गुरुवार को जिला अस्पताल (कोरोनेशन) के एक ईएमओ (इमरजेंसी मेडिकल ऑफिसर) और राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चार लैब तकनीशियन की रिपोर्ट पॉजिटिव आई है। जिसके बाद स्वास्थ्य कर्मियों में हड़कंप है। जिला अस्पताल की सीएमएस डॉ. शिखा जंगपांगी और दून अस्पताल के डिप्टी एमएस डॉ. एनएस खत्री का कहना है कि चिकित्सक व लैब तकनीशियनों के संपर्क में आए अन्य डॉक्टर एवं कर्मचारियों की भी जांच की जा रही है। सभी की हालत सामान्य है। बहुत हल्के लक्षण उन्हें हैं। कोरोना के बढ़ते प्रसार को देखते हुए राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में जनरल सर्जरी रोक दी गई है। अधिकारियों द्वारा फ्लू, खांसी, जुकाम और कोरोना से मिलते जुलते लक्षण वाले मरीजों को ठोस निगरानी करने के निर्देश दिए गए हैं। कोरोना के एक मरीज को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम में बने अस्थाई अस्पताल में भर्ती किया गया है। कोरोना के स्टेट कोऑर्डिनेटर डॉ. एनएस खत्री ने बताया कि कोरोना के बढ़ते हुए मरीजों को देखते हुए तमाम कदम उठाए जा रहे हैं। अभी तक जो बात सामने आ रही थी कि कोरोना के नए वैरिएंट में मरीजों को अस्पताल ले जाना पड़ रहा है, लेकिन अब लगातार अस्पताल में मरीजों का आना और भर्ती होना शुरू हो गया है, यह बड़ी चिंताजनक बात है। कोरोना या उसके नए स्वरूप ओमिक्रॉन को लेकर किसी भी तरह की लापरवाही ठीक नहीं है। सबसे अपील की जाती है कि मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग का सख्ती से पालन करें।