बनभूलपुरा मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड हाईकोर्ट के आदेश पर स्टे लगाया है। साथ ही उत्तराखंड सरकार और भारतीय रेलवे को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है और कहा है कि स्कूल, कॉलेज और अन्य ठोस ढांचे हैं, जिन्हें इस तरह नहीं गिराया जा सकता। अगली कार्यवाही 7 फरवरी को होगी।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस मामले पर टिप्पणी करते हुए कहा है कि हमने पहले ही कहा था कि यह रेलवे की भूमि है। सीएम धामी ने कहा कि हम कोर्ट के आदेश के अनुरूप ही आगे बढ़ेंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा, SC का फैसला मानवाधिकारों की रक्षा करेगा। हम सभी विध्वंस के बारे में चिंतित थे जिससे 52,000 लोग बेघर हो गए। एससी ने विध्वंस पर रोक लगा दी। 2016 में हमने लोगों के पुनर्वास को लेकर कदम उठाए।
वही प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष करन मेहरा ने कहा कक माननीय सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय स्वागत योग्य है। मानवीय दृष्टिकोण को मद्देनजर रखते हुए प्रभावितों की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायालय ने भाजपा सरकार द्वारा हल्द्वानी के बनभूलपुरा पर की जा रही अतिक्रमण की कार्यवाही पर फौरी तौर पर रोक लगा दी है।
वही कांग्रेस के राष्ट्रीय सोशल मीडिया टीम के समन्वयक गौतम नौटियाल ने कहा कि कांग्रेस पार्टी द्वारा मानवीय आधार पर लड़ी गयी इस लड़ाई से हर कांग्रेस का कार्यकर्ता गौरवांवित हुआ है।