जोशीमठ मामले की गंभीरता को देखते हुए रविवार को पीएमओ की हाई लेवल मीटिंग हुई। इसमें प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने स्थिति की समीक्षा की। उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने पीएमओ को हालात की दी जानकारी. बैठक में बताया गया कि इस मामले से निपटने के लिए केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञों की ओर से लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार की जा रही है।
जोशीमठ में भू-धंसाव मामले पर पीएमओ की बैठक में प्रधानमंत्री के प्रमुख सचिव ने स्थिति की समीक्षा की। इसमें उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने जोशीमठ मामले पर पीएमओ को जानकारी दी और बताया कि भू-धंसाव से प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है।
इस बैठक में बताया गया कि केंद्र सरकार की एजेंसियां और विशेषज्ञ लघु, मध्यम और दीर्घकालिक योजना तैयार करने में राज्य सरकार की सहायता कर रहे हैं। एनडीआरएफ की एक टीम और एसडीआरएफ की चार टीमें पहले ही जोशीमठ पहुंच चुकी हैं। सचिव सीमा प्रबंधन और एनडीएमए के सदस्य कल (9 जनवरी को) उत्तराखंड का दौरा करेंगे और स्थिति का जायजा लेंगे।
इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, आईआईटी रुड़की, वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हाइड्रोलॉजी और सेंट्रल बिल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट के विशेषज्ञों की टीम हालात का जायजा लेकर रिपोर्ट पेश करेगी।
राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा बताया गया है कि अब तक 603 मकानों में दरारें आई हैं। इससे प्रभावित 68 परिवारों को अब तक निकाला गया है। हालांकि, सचिव आपदा प्रबंधन विभाग ने बताया कि 88 परिवारों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
बता दें कि उत्तराखंड के मुख्य सचिव डॉ. सुखवीर सिंह संधू ने रविवार को जोशीमठ पहुंचकर भूधंसाव क्षेत्रों का निरीक्षण कर मौजूदा स्थिति का जायजा लिया है। इस दौरान उनके साथ डीजीपी पुलिस अशोक कुमार एवं सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम भी थे।