राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू द्वारा मेजर प्रशांत भट्ट को सेना मेडल से सम्मानित करने की घोषणा की गई है। आपको बता दें कि ड्यूटी के दौरान अदम्य साहस एवं वीरता का परिचय देते हुए यह सम्मान हासिल करने वाले मेजर प्रशांत भट्ट मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के रहने वाले हैं। मेजर प्रशांत भट्ट की इस अभूतपूर्व उपलब्धि से जहां उनके परिवार में हर्षोल्लास का माहौल है वहीं समूचे क्षेत्र में भी खुशी की लहर है.
जानकारी के अनुसार मूल रूप से राज्य के बागेश्वर जिले के कौसानी निवासी प्रशांत भट्ट, भारतीय सेना में मेजर के पद पर कार्यरत हैं. उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले प्रशांत ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव के ही सरस्वती शिशु मंदिर कौसानी से प्राप्त की है. तदोपरांत जवाहर नवोदय विद्यालय ताड़ीखेत से उन्होंने छठी से आठवीं कक्षा तक की पढ़ाई की, इसके बाद उनका चयन सैनिक स्कूल घोड़ाखाल में हो गया, जहां से इंटरमीडिएट की परीक्षा उत्तीर्ण करने के साथ ही उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में एनडीए की परीक्षा उत्तीर्ण की। चार वर्ष के कठिन प्रशिक्षण के उपरांत वह वर्ष 2014 में भारतीय सेना के दो पैरा स्पेशल फोर्स में लेफ्टिनेंट के पद पर भर्ती हो गए। जिसके बाद बार्डर पर हुए कई ऑपरेशन में उन्होंने अपनी कुशल नेतृत्व क्षमता, अदम्य साहस और वीरता का परिचय दिया.
बता दे वर्तमान में महू में जूनियर कमांड का प्रशिक्षण हासिल कर रहे मेजर प्रशांत के पिता भुवन मोहन भट्ट जहां सेवानिवृत इंजीनियर है वहीं उनकी मां किरन भट्ट एक कुशल गृहणी हैं. मेजर प्रशांत को सेना में जाने की प्रेरणा उनके दादा सेवानिवृत्त प्रधानाचार्य स्व. हरी दत्त भट्ट से मिली, जो बचपन में उन्हें देश के बहादुर सपूतों के वीरता और साहस की कहानियां सुनाया करते थे. इन्हीं कहानियों ने मेजर प्रशांत के दिलोदिमाग में देशभक्ति एवं देशसेवा का जज्बा भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.