आस्कर पुरस्कार से सम्मानित डाक्यूमेंट्री फिल्म ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ के सिनेमेटोग्राफी करन थपलियाल मूलरूप से उत्तराखंड के रहने वाले हैं। पौड़ी गढ़वाल जिले के पाबौ ब्लाक स्थित ग्राम नौगांव मल्ला निवासी करन की डाक्यूमेंट्री फिल्म लगातार दूसरी बार आस्कर के लिए नामित हुई थी।
हालांकि पिछली बार उनकी डाक्यूमेंट्री ‘राइटिंग विद फायर’ आस्कर जीतने से चूक गई थी, जिसकी कसर इस बार ‘द एलीफेंट व्हिस्परर्स’ ने पूरी कर दी। सोमवार सुबह पौने सात बजे करन को उनके दिल्ली स्थित आवास पर आस्कर जीतने की खबर मिली। इसके बाद से बधाइयों का दौर चल रहा है।
वर्तमान में करन थपलियाल परिवार के साथ दिल्ली के खानपुर में रहते हैं और पिछले 15 साल से सिनेमेटोग्राफी कर रहे हैं। इस बीच उन्होंने कई डाक्यूमेंट्री और शार्ट फिल्मों के लिए काम किया। द एलीफेंट व्हिस्परर्स, राइटिंग विद फायर और द प्रेसीडेंट्स बाडीगार्ड उनकी चुनिंदा डाक्यूमेंट्री में शामिल हैं।
करन के पिता विनोद थपलियाल पेशे से फोटोग्राफर हैं। उनके पिता का शौक धीरे-धीरे करन को सिनेमेटोग्राफी के क्षेत्र में ले गया। करन ने नई दिल्ली स्थित श्री अरविंदो सेंटर फार आर्ट्स एंड कम्युनिकेशन से फिल्म मेकिंग एंड फाइन आर्ट्स में मास्टर डिग्री ली है। करन की मां सुधा थपलियाल गृहिणी हैं।