विश्व प्रसिद्ध हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा करीब 12 फीट बर्फ से ढका हुआ है। यहां लक्ष्मण मंदिर भी आधे से ज्यादा बर्फ से ढका है। 20 मई से हेमकुंड साहिब की तीर्थयात्रा शुरू होने वाली है। यात्रा से पहले हेमकुंड साहिब प्रबंधन के सामने नयी चुनौती आ गी हैं। आस्था पथ से बर्फ हटाना इतने काम समय में किसी चुनौती से कम नहीं।
गुरुद्वारा श्री हेमकुंड सहिब ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्रजीत सिंह बिंद्रा ने बताया कि 20 अप्रैल से आस्था पथ से बर्फ हटाने का काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होने कहा कि प्रतिवर्ष यात्रा मार्ग से लेकर हेमकुंड साहिब तक बर्फ हटाने का काम भारतीय सेना द्वारा किया जाता है।
हेमकुंड साहिब पहुंचकर सेना के जवानों के ने बर्फ की स्थिति का जायजा लेने के साथ ही आस्था पथ का निरीक्षण भी किया और बताया कि, यात्रा मार्ग पर अटलाकोटी ग्लेशियर में 10 फीट के करीब बर्फ जमी हुई है। हेमकुंड साहिब में आठ से 12 फीट तक बर्फ जमी है। हेमकुंड सरोवर भी पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ है।
गोविंदघाट गुरुद्वारे के वरिष्ठ प्रबंधक सरदार सेवा सिंह ने भी यात्रा के प्रमुख पड़ाव घांघरिया पहुंचकर गुरुद्वारे का निरीक्षण किया। यहां 15 अप्रैल से ट्रस्ट के सेवादारों के लिए लंगर की व्यवस्था शुरू की जाएगी। घांघरिया में सेना के जवानों के ठहरने और खाने की व्यवस्था भी की जाएगी।