उत्तराखंड विधालयी शिक्षा परिषद की सचिव नीता तिवारी ने मूल्यांकन कार्य के लिए बैठक बुलाया.बैठक में सचिव ने मुख्य नियंत्रक (सीईओ), उपनियंत्रक (परीक्षा केंद्र के प्रधानाचार्य) व पर्यवेक्षकों क़ो निर्देश देते हुए कहा कि छात्रों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए बोर्ड की कापी जांची जाएं. कापी जांचने के दौरान सावधानीपूर्ण मूल्यांकन किया जाए.जिससे कि छात्र का भविष्य खराब न हो.लापरवाही मिलने पर विभागीय कार्यवाई की जायेगी.
सचिव ने बताया कि हर साल मूल्यांकन में त्रृटियां सामने आती है. लिहाजा इस बार मूल्यांकन में किसी तरह की गलती न की जाए. अपर सचिव बृजमोहन रावत ने परीक्षकों एवं उप प्रधान परीक्षकों को मूल्यांकन संबंधी कर्तव्य एवं दायित्व के बारे में बताया. परीक्षार्थियों के नंबर ब्लेंक अवार्ड में सावधानीपूर्वक अंकित किए जाए. उप सचिव सीपी रतूड़ी ने कहा कि मूल्यांकन संबंधी निगरानी के लिए हर केंद्र में एक पर्यवेक्षक तैनात रहेगा. शोध अधिकारी मनोज पाठक ने पिछले साल की त्रृटि वाली बोर्ड की कापी प्रजेटेशन के जरिये दिखाते हुए उनके निराकरण भी बताए.
मूल्यांकन के दौरान परीक्षक एक दिन में हाईस्कूल की 40 व इंटर की 30 कापी ही चेक करेंगे. परीक्षक द्वारा जांची गई आधी कापियों की दोबारा अंकेक्षक चेकिंग करेगा. ताकि परीक्षक के द्वारा की गई गलती को उसी समय ठीक किया जा सके. राज्य में 29 मूल्यांकन केंद्र बनाए गए हैं.