स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग उत्तराखंड की पहल पर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत सोमवार 17 अप्रैल को प्रदेशभर में 1 से 19 आयु वर्ष के 38 लाख बच्चों को कृमिनाशक दवा दी जायेगी. राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के 14वें चरण की शुरुआत देहरादून के बी.एस. नेगी राजकीय इंटर कालेज गुजराड़ा से की जाएगी, जिसका शुभारंभ स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत वर्चुअल माध्यम से करेंगे. कार्यक्रम के सफल संचालन के लिये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को शिक्षा विभाग सहित अन्य रेखीय विभागों से समन्वय स्थापित करने के निर्देश दे दिये गये हैं.
सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा व शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अंतर्गत आगामी 17 अप्रैल को प्रदेशभर में 1-19 आयु वर्ष के 38 लाख लक्षित बच्चों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजोल खिलाई जायेगी. डॉ. रावत ने बताया कि प्रत्येक लक्षित बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाने के लिये सभी जनपदों के मुख्य चिकित्साधिकारियों को ठोस निर्देश दे दिये गये हैं, साथ ही उन्हें कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए शिक्षा विभाग, महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग सहित अन्य हितधारक विभागों के साथ समन्वय स्थापित करने को भी कहा गया है. उन्होंने बताया कि राज्य के सभी स्कूलों, तकनीकी एवं उच्च शिक्षण संस्थानों, आंगनबाड़ी केंद्रों एवं शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्दों के अंतर्गत अगम्य व मलिन बस्तियों में बड़े पैमाने पर बच्चों को कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजोल दी जायेगी. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार का लक्ष्य प्रदेश के शतप्रतिशत बच्चों को कृमिनाशक दवा खिलाकर उन्हें कृमि मुक्त रखना है, ताकि स्वस्थ उत्तराखंड के निर्माण में हम एक कदम और आगे बढ़ सकें. इसलिये यदि इस अवसर पर कोई बच्चा किसी कारणवश कृमिनाशक दवा खाने से छूट जाता है तो मॉप अप दिवस 20 अप्रैल को वंचित बच्चे को दवा खिलाई जायेगी. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के लिये प्रत्येक स्तर पर प्रभावी तैयारियां की जा चुकी है. इसके लिए सभी नोडल शिक्षकों, आंगनवाड़ी आशा कार्यकत्रियों को विशेष तौर पर प्रशिक्षित किया गया है. उन्होंने कहा कि 13वें चरण में प्रदेशभर में 34 लाख बच्चों को कृमिनाशक दवा की डोज दी गई थी. 14वें चरण में लक्षित बच्चों की संख्या को बढ़ाकर 38 लाख कर दिया गया है. स्वास्थ्य मंत्री ने सभी लोगों से अपील करते हुये कहा कि अपने आसपास के 1 से 19 वर्ष के बच्चों की जरूर कृमि नाशक दवा अवश्य दें और अन्य लोगों को भी इसके प्रति जागरूक करें.