प्रदेश में चार लाख से अधिक आबादी को रोजाना 16 घंटे शुद्ध पेयजल मिलेगा।
अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में भी शहरी सुविधाएं तो थीं लेकिन यहां पानी की किल्लत थी। अब शहरी मानकों के हिसाब से पेयजल की उपलब्धता शुरू हो चुकी है।
योजनाओं से 975 करोड़ बजट से 88 हजार घरों में पानी के कनेक्शन दिए जाएंगे, जिससे 4,36,000 आबादी को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा।
पेयजल विभाग ने वर्ल्ड बैंक के वित्त पोषण से पांच जिलों में 22 पेयजल योजनाएं स्वीकृत की हुई हैं, जिन पर तेजी से काम चल रहा है। कई योजनाओं का काम पूरा भी हो चुका है।
इनमें से कई योजनाओं के तहत पानी उपलब्ध होना शुरू हो गया है। पेयजल निगम के एमडी उदयराज सिंह ने बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य अर्द्धनगरीय क्षेत्रों में 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी उपलब्ध कराया जाए।
उन्होंने बताया कि कई क्षेत्रों में शहरी मानकों के हिसाब से पेयजल की उपलब्धता शुरू हो चुकी है। बताया कि इन योजनाओं से 975 करोड़ बजट से 88 हजार घरों में पानी के कनेक्शन दिए जाएंगे, जिससे 4,36,000 आबादी को शुद्ध पेयजल मिल सकेगा।
पेयजल विभाग ने इन अर्द्धनगरीय क्षेत्रों की योजनाओं में आधुनिक सेंसर तकनीकी का इस्तेमाल किया है। घरों में स्मार्ट वाटर मीटर लगाए जा रहे हैं जो कि खुद सिग्नल भेजते हैं और पेयजल विभाग की मशीन के माध्यम से बिल तैयार हो जाता है। खास बात यह भी है कि इन योजनाओं का पानी बिना किसी सहायता सीधे 12 मीटर की ऊंचाई तक पहुंच सकता है।