अवैध अतिक्रमण पर धामी सरकार सख्त नजर आ रही है। अब तक प्रदेश में 90 हेक्टेयर से ज्यादा भूमि से अतिक्रमण हटा दिया गया है। इसमें 350 से ज्यादा मजारें तोड़ी गई हैं। जहां एक ओर इस पर सीएम धामी की पीठ थपथपाई जा रही है तो वहीं दूसरी ओर इस मामले में विपक्ष सरकार की मंशा पर सवाल उठा रहे हैं। अब इस मामले के लेकर सियासत शुरू हो गई है।
अवैध अतिक्रमण पर धामी सरकार सख्त
अवैध अतिक्रमण के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ रुख का असर है कि वन विभाग की 90 हेक्टेयर जमीन से अतिक्रमण हटाया जा चुका है। जिसकी जद में 350 से ज्यादा मजारें आई हैं। जिन्हें वन विभाग द्वारा ध्वस्त किया गया है। जबकि 35 मंदिर भी इसके जद में आए हैं। इसके साथ ही दो गुरुद्वारों को भी नोटिस जारी किए गए हैं।
लेकिन प्रदेश सरकार की इस कार्यवाही के तहत सबसे ज्यादा कार्यवाही मजारों के ऊपर की गई है। कार्बेट पार्क में ही 18 मजारों को ध्वस्त किया गया है। जिससे समझा जा सकता है कि प्रदेश में मजारों के नाम पर किस तरीके से अतिक्रमण का खेल खेला जा रहा था।
बसपा ने कार्रवाई पर उठाए सवाल
जानकार बताते हैं कि पहले वन विभाग की जमीन पर अवैध अतिक्रमण कर फिर धार्मिक गतिविधियों को संचालित किए जाने की कोशिश लंबे समय से की जा रही है। फिर उनके आधार पर व्यवसायिक गतिविधियां भी संचालित की जा रही हैं।
लेकिन प्रदेश में जिस तरीके से अवैध अतिक्रमण के तहत मजारों को ध्वस्त किया गया है, उसको लेकर बसपा ने प्रदेश सरकार के द्वारा की जा रही कार्रवाई पर सवाल खड़े किए।
500 साल पुरानी मजारों पर कार्रवाई क्यों ?
बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद का कहना है कि 500 साल से ऊपर की मजारों को कैसे सरकार अवैध करार दे रही है। वहीं सरकारी अवैध अतिक्रमण के तहत मजारों को तोड़ रही है तो फिर उन अधिकारियों पर सरकार के द्वारा कार्रवाई क्यों नहीं की गई जिनकी मौजूदगी में ये मजारें बनाई गई।
कांग्रेस ने इस मसले पर साधी चुप्पी
प्रदेश सरकार के द्वारा अतिक्रमण के खिलाफ की जा रही कार्रवाई पर मजारों को तोड़े जाने पर जहां बसपा ने सवाल खड़े किए हैं तो वहीं कांग्रेस ने इस मसले पर चुप्पी साध ली है। कांग्रेस प्रवक्ता मजारा को तोड़ने जाने पर कोई बयान नहीं दे रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करण महारा ने निर्देश जारी किए हैं कि सांप्रदायिकता वाले मामलों पर कांग्रेस कोई प्रतिक्रिया नहीं देगी।
सीएम धामी धर्म रक्षक – महेंद्र भट्ट
जहां एक ओर धामी सरकार की इस कार्रवाई पर बसपा सवाल उठा रही है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट सीएम पुष्कर सिंह धामी को धर्म रक्षक धामी करार दे रहे हैं।
महेंद्र भट्ट का कहना है कि देवभूमि के स्वरूप को बिगाड़ने कि जो भी कोशिश की जाएगी उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा धर्म रक्षक मोदी के बाद धर्म रक्षक धामी भी इसे बर्दाश्त नहीं कर रहे हैं और इसी के चलते अवैध अतिक्रमण के तहत कार्रवाई की जा रही है।