संस, रानीखेत: वन भूमि पर धार्मिक गतिविधियों के बहाने अतिक्रमण के विरुद्ध प्रदेशभर में मुहिम चल रही है। इसी कड़ी में अल्मोड़ा जिले में भी अवैध रूप से बने धर्मस्थलों का सर्वे तेज कर दिया गया है। यहां रानीखेत रेंज के गनियाद्योली में जंगलात की जमीन पर एक मजार चिह्नित की गई है। विभाग ने नोटिस जारी कर दिया है।
इधर रक्षा मंत्रालय के अधीन रक्षा संपदा विभाग (डीओ), छावनी परिषद, खुफिया व पुलिस के संयुक्त सर्वे में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यहां रक्षा संपदा विभाग की भूमि पर विभिन्न स्थानों पर 13 मजारों का निर्माण किया गया है। इनमें एक बाजार क्षेत्र की शामिल है।
दरअसल, राज्य सरकार ने भारतीय वन अधिनियम के तहत वन भूमि से अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए हैं। विभाग के अनुसार अब तक 429 अवैध कब्जे हटाए जा चुके हैं। इनमें 300 से ज्यादा मजार व 41 मंदिर भी शामिल हैं। इधर जिलेभर में चल रहे सर्वे के तहत गनियाद्योली रेंज कार्यालय के ठीक पीछे बनी एक मजार का रखरखाव करने वालों को नोटिस भेज दिया गया है। उधर छावनी क्षेत्र में रक्षा संपदा विभाग की जमीन पर भी 13 मजार चिह्नित की गई हैं।
संयुक्त सर्वे कर लिया गया है। बाजार क्षेत्र समेत कुल 13 मजार रक्षा संपदा की भूमि पर बनी हैं। रिपोर्ट पर अध्ययन किया जा रहा है। नियमानुसार अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
– नागेश पांडेय, सीईओ कैंट बोर्ड’
‘नोडल अधिकारी के निर्देशन में युद्धस्तर पर अभियान चला रहे हैं। वन भूमि पर मजार बनी हो या मंदिर, संबंधित अभिलेख व जरूरी कागजात नहीं होंगे तो अतिक्रमण माने जाएंगे। उसी आधार पर कार्रवाई की जाएगी। सभी रेंज से रिपोर्ट मांगी है।
– जगमोहन सिंह, एसडीओ रानीखेत’
‘गनियाद्योली रेंज कार्यालय के पीछे मजार बनी है। रखरखाव करने वालों को नोटिस भेज मजार से संबंधित कागजात दिखाने के निर्देश दिए हैं। विभाग की नजर में यह फिलहाल अतिक्रमण है।
– तापस मिश्रा, वन क्षेत्राधिकारी’
मोहान रेंज के वनक्षेत्राधिकारी गंगाशरण ने कहा कि गहन सर्वे किया जा रहा। अब तक कोई धार्मिक संरचना या धर्मस्थल नहीं मिला है। उधर शीतलाखेत के रेंज अधिकारी मोहन राम ने वन भूमि पर किसी तरह के अवैध कब्जे से इनकार किया है। वन क्षेत्राधिकारी द्वाराहाट मदन लाल ने भी कहा कि उनकी रेंज में कोई अतिक्रमण नहीं है।