केंद्रीय रक्षा एवं पर्यटन राज्यमंत्री सांसद अजय भट्ट ने कहा है कि, राज्य सरकार द्वारा वन विभाग और सरकारी विभागों में अतिक्रमण कर रह रहे अतिक्रमणकारियो पर कार्रवाई की जा रही है लेकिन इस बीच असामाजिक तत्वों द्वारा कई प्रकार की भ्रांतियां भी फैलाई जा रही हैं. जिस पर लोगों द्वारा विभिन्न प्रकार की आशंकाएं व्यक्त की गई है. भट्ट ने कहा कि उनके द्वारा इस विषय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व मुख्य सचिव एसएस संधू से वार्ता की गई है. यह कार्रवाई केवल लैंड जिहाद के खिलाफ की जा रही है. जिन्होंने वन भूमि या सरकारी भूमि में धार्मिक आड़ लेकर अतिक्रमण किया है; उन पर सरकार कार्रवाई कर रही है.
भट्ट ने कहा कि, लैंड जिहाद के खिलाफ कार्रवाई के बीच कुछ लोगों द्वारा कई दशकों से निवास कर रहे गांवों को भी हटाए जाने की मिथ्या खबरें सोशल मीडिया में डाली गई हैं जो कि पूरी तरह निराधार है. उन्होंने बताया कि कई जगहों पर दशकों से लोग बसे हुए हैं; जहां स्कूल, कॉलेज अस्पताल, बैंक, आईटीआई डाकघर तथा बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा की सुविधाएं कई दशकों से उपलब्ध है उनको अतिक्रमणकारी नहीं कहा जा सकता. ऐसे स्थानों के मालिकाना हक की कार्यवाही पूर्व से ही चली आ रही है. इस विषय में उनके द्वारा मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व मुख्य सचिव एस एस संधू से भी दूरभाष पर वार्ता की गई है, जिसमें स्पष्ट है कि सरकार की यह कार्रवाई लैंड जिहाद और सरकारी भूमि पर धर्म की आड़ में अतिक्रमण किए जाने को लेकर कार्रवाई कर रही है.
साथ ही केंद्रीय मंत्री भट्ट ने बताया कि, उनके द्वारा स्वयं लोकसभा के प्रथम सत्र में नैनीताल/उधम सिंह नगर के वन क्षेत्र में कई दशकों से रह रहे लोगों को मालिकाना हक दिलाए जाने के विषय में सदन में सवाल उठाया है. जिसके बाद सरकार द्वारा वन क्षेत्रों में सालों से रह रहे लोगों के मालिकाना हक के लिए कार्यवाही भी गतिमान है.