जंगल में जहरीली धातुओं से बाघों को जान का जोखिम होने लगा है. पहली बार एक बाघ के शव की बिसरा जांच में जहरीली धातु पाई गई है. इससे वन्यजीवों में कैंसर का खतरा बढ़ गया है. हल्द्वानी की छकाता फॉरेस्ट रेंज में कुछ समय पहले एक बाघ का शव मिला था.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बाघ के दाहिने कंधे के पास चोट मिली थी, जिसमें पस बन गया और पूरे शरीर में संक्रमण फैल गया. उसे सेप्टीसीमिया हो गया और अंगों ने काम करना बंद कर दिया. इससे बाघ की मौत हो गई थी. खून के संक्रमित होने को सेप्टीसीमिया कहते हैं, जिसमें शरीर के अंग काम करना बंद कर देता हैं.
राष्ट्रीय पशु होने के चलते बिसरा जांच के लिए बरेली स्थित भारतीय पशुचिकित्सा अनुसंधान संस्थान भेजा गया. रिपोर्ट के मुताबिक, बाघ के शरीर में भारी धातुएं मिली हैं. हल्द्वानी डीएफओ बाबू ने बताया कि, पोस्मार्टम में बाघ की मौत सेटीसीमिया से होने की बात सामने आईं है. पहली बार किसी बाघ के शरीर में हैवी मेटल का मामला जानकारी में आया है.