अब कैलाश पर्वत का दर्शन श्रद्धालू भारत से भी कर सकते हैं. जी हाँ, अब कैलाश पर्वत का दर्शन श्रद्धालू उत्तराखंड के लिपुलेख से भी कर सकते हैं, अब श्रद्धालुओं को महादेव के दर्शन केलिए चीन के मानसरोवर जाने की आवश्यकता नहीं है.
बता दें, उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले के सीमांत में स्थित नाभीढ़ांग से 2km की पहाड़ी चढ़ने पर बाबा कैलाश का स्पष्ट दर्शन होता है. बता दें, इस बात की जानकारी, पहले किसी को नहीं थी, लेकिन जब कुछ स्थानीय लोग ओल्ड लिपुपास की पहाड़ी के ऊपर पहुंचे तो वहां से चीन के तिब्बत में स्थित पवित्र कैलाश पर्वत काफी करीब और दिव्य दिखाई दिया.
अधिकारियों ने भी की पुष्टि
स्थानीय लोगों द्वारा किए गए, इस बात पर अब संबंधित अधिकारियों की टीम ने भी मुहर लगा दी है. टीम में शामिल सदस्य और धारचूला के एसडीएम दिवेश शासनी ने बताया कि, “इस सूचना की वास्तविक खोजने पर यह दावा सही साबित हुआ है.ओल्ड लिपुपास से पवित्र कैलाश पर्वत के दर्शन आसानी से हो रहे हैं. इस विषय में अब वे अपनी रिपोर्ट शासन को देंगे. जिसके बाद आगे की रणनीति बनाई जाएगी.”
इसकी जानकारी के मिलते ही, पिथौरागढ़ के जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद्र आर्य ने कहा कि, बाबा कैलाश के दर्शन केलिए ओल्ड लिपूपास पर पहुचने केलिए
2KM की चढ़ाई चढ़नी मुश्किल है. जिसकेलिए रास्ता बनाए जाने की आवश्यकता है. साथ ही पर्यटक केलिए इस क्षेत्र में जरूरी सुविधाओं को भी जुटाना पड़ेगा.
स्थानीय लोगों ने बताया कि, इस रास्ते के अलावा एक और रास्ता है, जहाँ से कैलाश पर्वत का दर्शन होता है. स्थानीय लोगों के अनुसार, ज्योलिंगकांग से 25 किलोमीटर ऊपर लिंपियाधूरा चोटी से भी कैलाश पर्वत के दर्शन हो सकते हैं.