उत्तराखंड के पहाड़ी इलाको में लोगो को अकसर गुलदार का खौफ सताता रहता है, इन दिनों रामनगर के लोग गुलदार-बाघ की दहशत के साये में जीने पर मजबूर हैं।
गुलदार का खौफ
ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों का जीना बेहाल हुआ है, बीते एक महीने में रामनगर मे गुलदार ने दो महिलाओं को अपना निवाला बना डाला, कई मवेशियों की जान चली गई है। जिससे लोग डरे और सहमे हुए हैं। हाल ये है कि कॉर्बेट से सटे इलाकों में अघोषित कर्फ्यू लगा है। बच्चे स्कूल जाने से डरने लगे हैं, गांव वाले शाम होने से पहले ही घरों में दुबक जाते हैं। लकड़ी और चारापत्ती लेने के लिए जंगल जाने वाली महिलाओं ने भी जंगल की ओर जाना छोड़ दिया है। पार्क प्रशासन ने एक बाघिन और उसके शावक को ट्रेंकुलाइज भी किया है। उसके बाद भी लगातार बाघ और गुलदार की चहलकदमी देखी गई है। ऐसे में ग्रामीणों ने बाघ और गुलदार को ट्रेंकुलाइज करने की मांग उठाई है।
डरे सहमे ग्रामीणों ने 14 दिसंबर को कॉर्बेट के ढेला और झिरना पर्यटन जोन को बंद करने का अल्टीमेटम भी दिया है। इसी कड़ी में पूर्व ब्लॉक प्रमुख संजय नेगी का कहना है कि शाम होते ही ग्रामीणों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है। ग्रामीण बाघ को ट्रेंकुलाइज करने की मांग कर रहे हैं, अगर उनकी ये मांग नहीं मानी गई तो वो बड़ा आंदोलन करेंगे।