उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय में आयोजित महर्षि दयानंद सरस्वती की 200वीं जयंती पर बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे। इस दौरान उप राष्ट्रपति ने कहा कि विद्या एवं संस्कारों की तपस्थली में वेद-विज्ञान, संस्कृति महाकुम्भ जैसे वृहद आयोजन में मुझे आमंत्रित करके जो सम्मान दिया गया है उसके लिए मैं हार्दिक आभार प्रकट करता हूं। उन्होने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200 वीं जयंती वर्ष के अवसर पर उनके शिक्षा दर्शन को आत्मसात करने वाली संस्था में स्वयं को पाकर बहुत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं।
नए लोकसभा भवन आमंत्रित
बता दे की शनिवार को हरिद्वार गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय पहुंचे उपराष्ट्रपति ने छात्राओं को .नए लोकसभा भवन का भ्रमण करने के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने कुलपति प्रोफेसर सोमदेव शतांशु से कहा कि छात्र-छात्राओं को नई लोकसभा का दर्शन करवाएं, जिससे उन्हें विकसित भारत, बदलते भारत और नए भारत की परिकल्पना से परिचित होने का अवसर मिल सके।
महाकुंभ की सराहना
उपराष्ट्रपति ने कहा कि वैदिक ज्ञान विज्ञान और आर्य परंपरा के प्रसार के लिए एवं सांस्कृतिक सामाजिक परिवर्तन के लिए विभिन्न आंदोलन के स्वामी दयानंद सरस्वती सूत्रधार और प्रवर्तन रहे हैं। कुल 25 मिनट के भाषण में उपराष्ट्रपति ने ज्ञान विज्ञान और संस्कृति पर आधारित चिंतन के महाकुंभ की सराहना की।