गोविंद वन्य जीव विहार एवं राष्ट्रीय पार्क क्षेत्र में पड़ने वाले विश्व प्रसिद्ध केदारकांठा ट्रैक पर तमाम पर्यटक और टूर ऑपरेटर थोड़े से पैसे बचाने के चक्कर में खुद की और वन्यजीवों की जान खतरे में डाल रहे हैं। ऐसे पर्यटक चोर रास्तों के जरिए पार्क क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं।इससे सरकार को भी राजस्व की हानि हो रही है।
केदारकांठा मे रहती है पर्यटकों की आवाजाही उत्तरकाशी जिले के पुरोला क्षेत्र में पड़ने वाले केदारकांठा ट्रैक पर वर्षभर पर्यटकों की आवाजाही रहती है। दूर दराज से पर्यटक यहाँ पर ट्रैक करने के लिए पहुँचते है। लेकिन तमाम पर्यटक और टूर ऑपरेटर थोड़े से पैसे बचाने के चक्कर में खुद की और वन्यजीवों की जान खतरे में डालकर चोर रास्तों के जरिए पार्क क्षेत्र में प्रवेश कर रहे हैं। वन विभाग ने इसका संज्ञान लेते कड़े निर्देश जारी किए हैं। बिना परमिट के पार्क क्षेत्र में प्रवेश करने वाले पर्यटकों पर कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
बता दें की इस ट्रैक पर जाने के लिए वन विभाग की ओर से परमिट जारी किया जाता है।इसके साथ ही प्रतिव्यक्ति न्यूनतम प्रवेश शुल्क भी लिया जाता है। पार्क में प्रवेश से पहले पर्यटकों की पूरी जानकारी रजिस्टर में दर्ज की जाती है। इसके अलावा वह अपने साथ क्या सामान ले जा रहे, उसका भी हिसाब रखा जाता है, ताकि किसी आपदा की स्थिति में रेस्क्यू अभियान में कोई दिक्कत न हो।
घुसपैठ पर रोक लगाने के आदेश जारी
प्लास्टिक और कचरे का रखा जाएगा हिसाब इसके अलावा कौन पर्यटक अपने साथ कितना प्लास्टिक ले गया और कितना वापस लाया, इसका भी हिसाब रखा जाता है। लेकिन, प्रवेश शुल्क से बचने के लिए तमाम पर्यटक चोर रास्तों का प्रयोग कर रहे हैं। इसका संज्ञान लेते हुए गोविंद वन्य जीव विहार एवं राष्ट्रीय पार्क प्रशासन ने सभी वन क्षेत्राधिकारियों को पत्र जारी करते हुए इस प्रकार की घुसपैठ पर पूरी तरह रोक लगाने के आदेश जारी किए हैं।
जो व्यक्ति बिना परमिट के पाया जाएगा, उसके खिलाफ वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा इस दौरान किसी पर्यटक के साथ कोई घटना या दुर्घटना हो जाती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी संबंधित पर्यटक या टूर ऑपरेट की होगी।
पार्क क्षेत्र में प्रवेश के लिए गेट पर परमिट की व्यवस्था बनाई गई है। इसमें गेट पर ही पर्यटकों, टूर ऑपरेटर, नेचर गाइड, पोर्टर आदि की जानकारी रजिस्टर में दर्ज की जाती है, ताकि किसी आपदा की स्थिति में उचित कदम उठाए जा सकें। कतिपय टूर ऑपरेटर्स की ओर से पर्यटकों को चिह्नित ट्रैक मार्गों से इतर अन्य क्षेत्रों एवं मार्गों से अनाधिकृत रूप से प्रवेश कराने की सूचनाएं मिली हैं। इसके क्रम में यह आदेश जारी किए गए हैं। – डॉ. अभिलाषा सिंह, उप निदेशक, गोविंद वन्यजीव विहार एवं राष्ट्रीय पार्क पुरोला, उत्तरकाशी