उत्तराखँड के श्रीनगर डांग क्षेत्र के निवासी मेजर दिग्विजय सिंह रावत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया जाएगा । बता दे की कीर्ति चक्र की घोषणा पर परिजनों सहित क्षेत्र की जनता में खुशी की लहर है।
मेजर ने नहीं मानी हार
केंद्रीय सरकार के ओर से मिले साइटेशन में बताया गया है कि एक ऑपरेशन के दौरान उनको सूचना मिली कि घाटी के विद्रोही समूहों (वीबीआईजी) एक वीआईपी को मणिपुर में निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं। इस सूचना के आधार पर मेजर रावत ने अपने एक सूत्र को सक्रिय किया जिसने विद्रोही समूहों को भटका दिया।
मेजर ने एक को मारा एक घायल
वही आतंकवादियों ने सैनिकों को देखते ही ऑटोमेटिक हथियारों से अंधाधुंध फायरिंग शुरू कर दी। लेकिन, गोलियों की बौछार के बीच भी हार नहीं मानते हुए मेजर रावत ने अपनी टीम को कुशलता से नियंत्रित किया और खुद रेंगते हुए आतंकवादियों के एक कैप्टन को मार गिराया और दूसरे को घायल कर दिया।
बेटे पर है फक्र – मेजर के पिता
वही अपनी कठिन परिस्थितियों में ड्यूटी के प्रति समर्पण, बेजोड़ शौर्य, साहस और रणनीतिक कौशल के चलते उन्हें कीर्ति चक्र के लिए उनका चयन किया गया है। मेजर दिग्विजय सिंह रावत के पिता दिगम्बर सिंह रावत ने कहा कि मुझे फक्र है कि मेरा बेटा सीमा पर रहकर देश की सेवा कर रहा है।