2024 आते-आते अपने संग कई वाहन चालकों के लिए संशय लेकर आया है। यह सभी संशय लोकसभा के शीतकालीन सत्र में पास किए गए नए सड़क सुरक्षा अधिनयम को लेकर हैं। जनवरी की शुरुआत में हिट एंड रन को लेकर KMOU (केमू ) एवं रोडवेज बस चालकों ने अपना विरोध जताया, जिसने बाद में हड़ताल का रूप ले लिया था। बस चालकों की हड़ताल से कई पर्यटकों एवं दैनिक यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। आपकी जानकारी के लिए बता दें की बस चालकों के बाद हल्द्वानी के सभी टैक्सी चालकों ने ऑटोमेटेड फिटनेस को लेकर अनिश्चितकाल के लिए हड़ताल की घोषणा की थी, जो अभी फिलहाल समाप्त हो चुकी है।
टैक्सी हड़ताल के कारण लोगो को हुई परेशानी
कई दिनों तक चली इस टैक्सी हड़ताल के कारण हल्द्वानी के साथ दूर-दराज़ के पर्वतीय क्षेत्रों में फसे यात्रियों को भी भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। प्रशासन और यूनियन के बीच विचार विमर्श के बाद समाप्त हुई इस हड़ताल से अब उन सभी यात्रियों को राहत मिलेगी। आपको बता दें कि परिवहन सचिव अरविन्द ह्यांकी, मंडलायुक्त दीपक रावत एवं जिलाधिकारी वंदना के निर्देश पर महासंघ टैक्सी यूनियन नैनीताल के पदाधिकारियों की आरटीओ संदीप सैनी, नंदकिशोर सहित अन्य अधिकारियों से वार्ता हुई। बताया जा रहा है कि इस वार्ता में टैक्सी महासंघ और फिटनेस सेंटर के अधिकृत अधिकारी के साथ एक समझौते पर सहमति बनी है। टैक्सी महासंघ के पदाधिकारियों का कहना यह भी है कि अगर इस समझौते से फिटनेस सेंटर मुकरता है तो दुबारा हड़ताल की जाएगी।
क्या है ये ऑटोमेटेड फिटनेस?
आपको बता दें कि सड़क सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत गाड़ियों की फिटनेस को मैकेनिकों की जगह आधुनिक मशीनों से जांचा जाना तय हुआ है। जिसके बाद उपकरणों की कमी और महँगी कीमतों के कारण वाहन चालकों की जेबों पर ख़ासा असर पड़ रहा है। वाहन चालाक बताते हैं कि अगर वाहन के किसी भी पार्ट में छोटी-बड़ी कोई कमी निकलती है तो अब उसे बदलवाना ही होगा। पहले जहाँ वाहन चालकों को फिटनेस के लिए 2 से 3 हज़ार रुपये देने पड़ते थे अब मशीनों के आ जाने से उन्हें 12 हज़ार रूपए चुकाने पड़ रहे हैं।