हल्द्वानी: हल्द्वानी को हिंसा की आग में जलाने वाला मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक 17 दिन तक पुलिस को छकाता रहा।पुलिस की छह टीमें मलिक के पीछे पड़ी थीं, और अंत में एसओजी अब्दुल मलिक तक पहुंचने में कामयाब रही।
17 दिन से नहीं खोला था मोबाइल
अब्दुल मलिक ने 17 दिन से अपना मोबाइल नहीं खोला था। साथ ही बैंक से लेनदेन भी नहीं किया। मलिक अच्छी तरह से जानता था कि अगर उसने मोबाइल खोला तो पुलिस को उसकी लोकेशन पता चल जाएगी। इसलिए वो कोई ऐसा काम नहीं करना चाहता था, जिससे पुलिस उस तक पहुंच सके।
हिंसा भड़कने के बाद अब्दुल हल्द्वानी से भागा दिल्ली
अब गिरफ्तारी के बाद अब्दुल मलिक की फरारी की पूरी कहानी समाने आई है। बनभूलपुरा में हिंसा भड़कने के बाद अब्दुल मलिक हल्द्वानी से सीधे दिल्ली भागा। 9 फरवरी की रात वो दिल्ली में रहा। इसके बाद गुजरात, मुंबई, चंडीगढ़ और भोपाल में जाकर छुप गया था।
पूरा सफर कार से किया तय
उत्तराखंड से उत्तर प्रदेश और दिल्ली से भोपाल तक उसने कुल सात राज्यों की सीमा पार की। उसने पूरा सफर कार से तय किया। पुलिस ने बताया कि गुजरात, मुंबई व भोपाल में मलिक की रिश्तेदारी है।
दिल्ली में आकर ली शरण
मलिक ने इन्हीं जगहों को अपना ठिकाना बनाया, लेकिन जब पुलिस ने उसके करीबियों व संपत्ति की जानकारी जुटाई तो मलिक को पकड़े जाने डर सताने लगा। इसके बाद उसने दिल्ली में आकर शरण ले ली। शनिवार को अब्दुल मलिक ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से अग्रिम जमानत के लिए न्यायालय में प्रार्थनापत्र दिया था, जिसके बाद पुलिस ने उसे दिल्ली के नवाबगंज से धर दबोचा।