देहरादून। उत्तराखंड में मानसून की बारिश देर रात आफत बन कर बरसी है। बारिश के चलते कर्णप्रयाग और टिहरी में जन-जीवन अस्त-व्यस्त हुआ है और साथ ही भारी नुकसान भी हुआ है। कर्णप्रयाग में वाहन मलबे की चपेट में आए तो भिलंगना में मवेशी भी जिंदा दफन हो गए। उधर, आज पर्वतीय जिलों में भारी से भारी बारिश होने की संभावना है। मौसम विज्ञान केंद्र के देहरादून, पौड़ी, नैनीताल, चम्पावत, ऊधमसिंह नगर, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जिले में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। अन्य जिलों में भी कई दौर की तेज बारिश होने के आसार हैं। मौसम वैज्ञानिकों ने हिदायत देते हुए कहा, तेज बारिश के दौरान पर्वतीय इलाकों में यात्रा करने से बचें।
भूस्खलन और भू-धंसाव से जान जीवन अस्त-व्यस्त
घुत्तू और आसपास के लगभग आठ से दस गांवों में अतिवृष्टि से जगह जगह भारी भूस्खलन और भू-धंसाव हो गया। जिस कारण जगह-जगह पर सड़कें बह गई हैं। कई पुलिया भी आपदा की भेंट चढ़ गई। घुत्तू देवलिंग में भारी बारिश से गोशाला पर मलबा आ गया। जिस कारण दो गाय और छ बछड़े मलबे में दब गए वहीं दो गाय घायल हुई है। कर्णप्रयाग क्षेत्र के सुभाषनगर और अपर बाजार में कई वाहन मलबे की चपेट में आए हैं। देवतोली में एक घर का आंगन टूट गया और अन्य घरों में दरारें आई हैं। कर्णप्रयाग में नैनीताल हाईवे कई घंटे बंद रहा। यहां करीब 500 मीटर हिस्से में मलबा आने से सड़क बंद हो गई थी। वहीं, सुभाष नगर गधेरा उफान पर आ गया। जिससे अपर बाजार बाइपास भी बंद हो गया है। वहीं, कुमाऊं को जाने वाले वाहन भी फंसे रहे।