देहरादून। जिलाधिकारी डॉ आर राजेश कुमार जनपद में राज्य आंदोलनकारी को चिन्हिकरण समिति की कार्यवाही की नियमित समीक्षा कर रहे हैं तथा जिलाधिकारी ने दो अपर जिलाधिकारियों, अपर जिलाधिकारी प्रशासन डॉ शिव कुमार बरनवाल एवं अपर जिलाधिकारी वि/रा के के मिश्रा को चिन्हिकरण समिति में सम्बन्धित आवेदनों के पक्षों की विधिवत् सुनवाई और प्रस्तुत आवेदनों और दस्तावेजों की जांच हेतु नियुक्त किया गया है। दोनो अपर जिलाधिकारी अन्य सरकारी तथा गैर सरकारी सदस्यों के साथ जनपद चिन्हिकरण समिति के सम्मुख प्रस्तुत आवेदनों और दस्तावेजों की गहन जांच करते हुए तथा सभी सदस्यों से नियमानुसार उचित विचार-विमर्श करते हुए चिन्हिकरण की कार्यवाही कर रह हैं।
अपर जिलाधिकारी डॉ शिव कुमार बरनवाल और के के मिश्रा ने राज्य आन्दोलकारी चिन्हिकरण के सम्बन्ध में कहा कि जनपद स्तरीय समिति द्वारा सभी प्राप्त दस्तावेजों की बारीकी से जांच की जा रही है तथा उपस्थित प्रत्येक गैर सरकारी सदस्यों के विचारों को विधिवत् सुना जा रहा हैं। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति राज्य आन्दोलनकारी का वास्तव में हकदार है उसका जरूर चिन्हिकरण किया जायेगा, लेकिन ऐसे व्यक्ति जो इसमें अपात्र होते हुए भी अगर गलत तरीके से तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर गलत दस्तावेज पेश करेंगे उनको किसी भी तरह से चिन्हिकरण नहीं किया जायेगा बल्कि उन पर कठौर वैधानिक कार्यवाही भी अमल में लाई जायेगी।
इसी बीच आज उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलनकारी संघर्ष समिति से जुडे़ एक मंच द्वारा अपर जिलाधिकारी वित्त एंव राजस्व के.के मिश्रा से मुलाकात करते हुए चिन्हिकरण के सम्बन्ध में अपना पक्ष रखा गया। अपर जिलाधिकारी के समक्ष सम्बन्धित द्वारा अवगत कराया गया कि उनको प्रशासन की तरफ से पूरा सहयोग मिल रहा है और दो सदस्य उनके बीच से समिति में भी नामित है, किन्तु सम्बन्धि तमंच द्वारा कहा गया कि जनपद चिन्हीकरण समिति के भीतर के ही कुछ अन्य गैर सरकारी सदस्यों को उनमें से कुछ लोगों को राज्य आन्दोलनकारी चयन के सम्बन्ध में विरोध है तथा विरोध करने वाले सदस्यों का कहना है कि उनके राज्य आन्दोलनकारी चिन्हिकरण के सम्बन्ध में पर्याप्त साक्ष्य नहीं हैं और वे राज्य आन्दोलनकारी की श्रेणी में नहीं आते है। इसी बीच अपर जिलाधिकारी डॉ शिव कुमार बरनवाल ने कहा कि जनपद चिन्हिकरण समिति के समक्ष कुछ लोगों द्वारा गलत तरीके से अपने नाम की चिठ्ठी लगाकर दस्तावेज प्रस्तुत किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गलत तरीके से दस्तावेज प्रस्तुत करने वालों के विरूद्ध सख्त वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।