देहरादून। कांग्रेस और एनएसयूआई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रैली में पहुंचने से पहले अलग-अलग जगह काले झंडे लहराते हुए ‘मोदी गो बैक’ के नारे लगाए। इस दौरान कांग्रेस और एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की पुलिस से तीखी नोक-झोंक हुई। पुलिस ने 100 से अधिक कार्यकर्ताओं को हिरासत ले लिया जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया।
युवा कांग्रेस कार्यकर्ता सिर व बांह पर काली पट्टी बांधकर हाथों में काले झंडे लहराते हुए जिला अध्यक्ष भूपेंद्र नेगी के नेतृत्व में कांग्रेस भवन से रैली स्थल की ओर रवाना हुए। इस दौरान उन्होंने ‘नरेंद्र मोदी गो बैक’ के नारे लगाए। पुलिस ने एस्लेहॉल चौक पर उन्हें रोक लिया। वहां पुलिस और कांग्रेसियों की तीखी झड़प हुई। इससे यातायात भी प्रभावित हुआ। कई देर की मशक्कत के बाद पुलिस कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बस और अन्य वाहनों में भरकर वहां से ले ले गई। युवा कांग्रेस पदाधिकारियों का कहना था कि मोदी सरकार और उत्तराखंड सरकार ने युवाओं को रोजगार के नाम पर ठगने का काम किया है। महंगाई चरम पर है। दिन प्रतिदिन उत्तराखंड समेत देशभर में कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं। इसके बावजूद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा रैली करना यह दर्शाता है कि भाजपा सरकार को केवल अपनी राजनीति चमकाने से मतलब है। वह आम जनता की बिल्कुल भी परवाह नहीं करती। उधर, रैली में विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा और कांग्रेस के कार्यकर्ता एस्लेहॉल चौक पर भिड़ गए। अचानक हुए इस घटनाक्रम से स्थिति तनावपूर्ण हो गई। जिससे एक बार पुलिस भी भौंचक्की रह गई। पुलिस ने सख्ती दिखाते हुए दोनों दलों के नेताओं को अलग-अलग किया। उसके बाद विरोध कर रहे कांग्रेसियों को हिरासत में लेकर वाहन से वसंत विहार ले जाया गया। कांग्रेस कार्यकर्ता रैली का विरोध करने जा रहे थे, तभी घंटाघर से जुलूस की शक्ल में आ रहे भाजपा कार्यकर्ताओं से उनका सामना हो गया। दोनों पार्टियों के कार्यकर्ता एक-दूसरे के खिलाफ नारेबाजी करते हुए आपस में उलझ गए। पुलिस को भी शायद इसका अंदाजा नहीं था। कुछ देर के लिए स्थिति तनावपूर्ण हो गई। युवा कांग्रेस कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिए जाने के बाद महिला कांग्रेस कार्यकर्ता कांग्रेस भवन से काले झंडे दिखाते हुए परेड ग्राउंड की ओर रवाना हुईं। नरेंद्र मोदी गो बैक के नारों के साथ महिला कांग्रेस ने महंगाई के विरोध में नारेबाजी की। महिला कार्यकर्ताओं को भी पुलिस ने एस्लेहॉल चौक पर रोक दिया। पुलिस और महिला कार्यकर्ताओं में कई देर तक धक्कामुक्की और नोकझोंक होती रही।