AIIMS-ICMR रिपोर्ट:
कोविड वैक्सीन से युवाओं की अचानक मौत का कोई संबंध नहीं, अफवाहें बेबुनियादहाल के महीनों में सोशल मीडिया और कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से यह अफवाह फैल रही थी कि कोविड-19 वैक्सीन लेने के बाद युवा वर्ग में अचानक मृत्यु की घटनाएं सामने आ रही हैं। इन खबरों ने समाज में भ्रम और भय का वातावरण बना दिया, विशेष रूप से उन परिवारों में जिनके युवा सदस्य हाल ही में टीकाकरण करवा चुके थे।

जांच करने का कारण
इस चिंता को गंभीरता से लेते हुए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) और भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने संयुक्त रूप से इन मामलों की वैज्ञानिक जांच की। इसका उद्देश्य यह स्पष्ट करना था कि क्या इन मौतों का सीधा संबंध कोविड-19 टीकाकरण से है या नहीं।
रिपोर्ट में सामने आई प्रमुख बातें
विस्तृत चिकित्सीय विश्लेषण और पोस्टमार्टम रिपोर्ट्स के आधार पर यह निष्कर्ष निकाला गया कि कोविड वैक्सीन और अचानक हुई युवाओं की मौतों के बीच कोई प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष संबंध नहीं पाया गया। अधिकतर मामलों में हार्ट अरेस्ट, जन्मजात बीमारियाँ, अत्यधिक शारीरिक थकान या अन्य गैर-वैक्सीन कारण सामने आए हैं।
सरकार और विशेषज्ञों की प्रतिक्रिया
स्वास्थ्य मंत्रालय ने AIIMS-ICMR की रिपोर्ट को सार्वजनिक करते हुए दोहराया है कि कोविड-19 वैक्सीन पूरी तरह से सुरक्षित है और इसे वैज्ञानिक प्रक्रियाओं के तहत परीक्षण कर स्वीकृति दी गई थी। मंत्रालय ने कहा कि बिना ठोस वैज्ञानिक आधार के अफवाह फैलाना न केवल गैर-जिम्मेदाराना है बल्कि इससे सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रयासों को भी नुकसान पहुंचता है।

जनता के लिए संदेश
विशेषज्ञों ने नागरिकों से अपील की है कि वे अफवाहों से बचें और केवल प्रमाणिक स्वास्थ्य संस्थानों और सरकारी स्रोतों की जानकारी पर भरोसा करें। टीकाकरण ही कोविड-19 महामारी को नियंत्रित करने का सबसे प्रभावी तरीका रहा है।
AIIMS और ICMR की इस रिपोर्ट ने स्पष्ट कर दिया है कि कोविड-19 वैक्सीन को लेकर युवाओं की मौतों से जुड़ी अफवाहें बेबुनियाद और भ्रामक हैं। वैज्ञानिक साक्ष्यों पर आधारित यह रिपोर्ट देशभर में वैक्सीन के प्रति विश्वास बहाल करने में अहम भूमिका निभा रही है।