उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने अपने कार्यकाल के चार वर्ष पूर्ण कर लिए हैं और इस दौरान उन्होंने न केवल आमजन की अपेक्षाओं को समझा, बल्कि भाजपा के संगठनात्मक विश्वास को भी मजबूती से हासिल किया। उनकी कार्यशैली ने उन्हें एक “जिताऊ” और “टिकाऊ” नेता के रूप में स्थापित किया है, जो राज्य के दीर्घकालिक विकास की दिशा में ठोस कदम उठा रहे हैं।

विकास के नए आयाम की घोषणा
पांचवें वर्ष की शुरुआत में मुख्यमंत्री धामी ने पिथौरागढ़ और रुद्रपुर में मेडिकल कॉलेज शुरू करने का संकल्प लिया है, जिससे स्वास्थ्य क्षेत्र को मजबूती मिलेगी। यह कदम न सिर्फ चिकित्सा शिक्षा को बढ़ावा देगा, बल्कि क्षेत्रीय युवाओं को भी बड़े स्तर पर अवसर उपलब्ध कराएगा।
आधुनिक तकनीक से राजस्व संग्रह की योजना
सरकार ने कर प्रणाली को पारदर्शी और प्रभावी बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के प्रयोग की घोषणा की है। इससे राज्य की वित्तीय स्थिति को मजबूती मिलेगी और कर चोरी जैसी समस्याओं पर लगाम लगेगी।
प्रमुख नीतिगत फैसले
मुख्यमंत्री धामी के नेतृत्व में सरकार ने दो ऐतिहासिक कदम उठाए—समान नागरिक संहिता (UCC) लागू करना और नकल विरोधी कानून बनाना। ये दोनों नीतियाँ राज्य में सामाजिक और शैक्षिक सुधारों के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

आर्थिक दृष्टिकोण से आगे बढ़ता उत्तराखंड
सरकार का लक्ष्य राज्य की अर्थव्यवस्था को दोगुना करना है। इसके लिए बुनियादी ढांचे, निवेश, और उद्योगों को बढ़ावा देने की दिशा में योजनाएं तैयार की जा रही हैं। युवाओं के लिए स्वरोजगार और स्टार्टअप को भी प्राथमिकता दी जा रही है।
जनता का विश्वास
चार साल के कार्यकाल में धामी ने जिस तरह आम लोगों की समस्याओं को प्राथमिकता दी, उससे भाजपा नेतृत्व ने भी दोबारा उन पर भरोसा जताया। वे जमीनी स्तर पर कार्य करने वाले नेता के रूप में उभरे हैं, जिनकी छवि दृढ़ और व्यवहारिक रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का अब तक का कार्यकाल स्थायित्व, संकल्प और सेवा भावना का प्रतीक बन गया है। पांचवें वर्ष में किए गए वादे यदि धरातल पर उतरे तो उत्तराखंड एक नए युग की ओर बढ़ सकता है।