उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक विशेष संवाद कार्यक्रम में पूर्व सैनिकों से मुलाकात की और राज्य के सामाजिक व सांस्कृतिक विकास में उनकी भागीदारी पर बल दिया। यह संवाद ऐसे समय में हुआ जब सरकार वर्ष 2047 तक उत्तराखंड को विकसित राज्य के रूप में स्थापित करने के लिए व्यापक योजनाएं बना रही है।

विकास यात्रा में जन सहयोग को बताया अनिवार्य
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की विकास यात्रा केवल सरकारी नीतियों से संभव नहीं है, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग विशेषकर अनुशासित और सेवाभावी पूर्व सैनिकों के सक्रिय सहयोग से ही यह लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। उन्होंने अपील की कि पूर्व सैनिक सामाजिक सुधारों और जागरूकता अभियानों में अग्रणी भूमिका निभाएं।
संवेदनशील विषयों पर जनजागरण की जरूरत
मुख्यमंत्री धामी ने धर्मांतरण, दंगा विरोधी कानून, भूमि अतिक्रमण और समान नागरिक संहिता (UCC) जैसे विषयों पर सरकार के प्रयासों की जानकारी दी और पूर्व सैनिकों से इन मुद्दों पर समाज में सकारात्मक संवाद स्थापित करने की अपील की। उन्होंने कहा कि सैनिक अनुशासन और राष्ट्रीय भावना के प्रतीक होते हैं, जिनकी भूमिका समाज को दिशा देने में महत्वपूर्ण हो सकती है।
पर्यावरण और पर्यटन में भी अपेक्षित योगदान
सीएम धामी ने पूर्व सैनिकों को पर्यावरण प्रहरी बनने का आह्वान किया और उनसे आग्रह किया कि वे स्थानीय पर्यटन को बढ़ावा देने में भी सरकार का सहयोग करें। इससे न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।
सरकार पूर्व सैनिकों के साथ खड़ी है
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि सरकार पूर्व सैनिकों के कल्याण के लिए प्रतिबद्ध है। चाहे रोजगार हो या सम्मानजनक जीवन, सरकार हर स्तर पर पूर्व सैनिकों को प्राथमिकता दे रही है। उनका सम्मान केवल शब्दों में नहीं बल्कि नीति और क्रियान्वयन में झलकता है।