रूस और यूक्रेन के बीच छिड़े युद्ध से दुनिया के सभी देश सहम गए हैं। भारत से बड़ी संख्या में छात्र एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए यूक्रेन जाते हैं। मुरादाबाद सहित आस-पास के जनपदों के छात्र यूक्रेन में फंसे हुए हैं। युद्ध के हालात से छात्रों के साथ ही देश में उनके स्वजन भी परेशान हैं। भारत सरकार छात्रों को वापस लाने के लिए उचित प्रबंध कर रही है। स्वजन उनकी सुरक्षित वापसी के लिए प्रार्थना करने में जुटे हैं। मुरादाबाद के भी कई छात्र-छात्राएं वहां फंसे हुए हैं।
पाकबड़ा थाना क्षेत्र के नंगला निडर गांव निवासी बाबू आलम ठेकेदारी का काम करते है। उन्होंने बताया कि बड़े बेटे मुहम्मद फैज़ को यूक्रेन की टर्न ओपल नेशनल मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई करने के लिए बीते वर्ष भेजा था। वह यूक्रेन के टर्न ओपल के जीवोवा हास्टल में है। गुरुवार को देर शाम पिता ने बेटे को वीडियो काल करके बात की। सहमी हुई आवाज में बेटे ने बताया कि सुबह चार बजे कीव एयरपोर्ट पर बम गिराए गए हैं। बम गिरते ही एयरपोर्ट पर मौजूद छात्र-छात्राओं को स्थानीय सेना और पुलिस ने बचाकर नजदीक के रेलवे स्टेशन पहुंचा दिया था।
भारत के साथ ही अलग-अलग देश के राजदूत कार्यालयों के बाहर लोगों का जमावड़ा लगा हुआ है। सभी अपने देश वापसी करना चाहता हैं। बातचीत के दौरान ही अचानक सायरन बज उठते हैं और कुछ देर बाद तेज धमाके की आवाज फोन पर स्वजन को सुनाई देती है। बाबू आलम के साथ ही पूरे परिवार के आंख में आंसू आ जाते हैं, लेकिन बेटा फैज उन्हें हिम्मत बंधाता है, कि भारत सरकार की मदद से वह जल्द वापस देश लौट आएगा। उसने परिवार को बताया कि उसे कोई दिक्कत नहीं है। सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाया जा रहा है। स्कूल और कालेज पर कोई हमला नहीं हो रहा है। बेटे ने बताया कि स्थानीय लोगों की मदद से सभी के पास दो सप्ताह का राशन मौजूद है।
हवाई टिकट के चार गुना बढ़े दामः यूक्रेन में फंसे छात्र के पिता बाबू आलम ने बताया कि दो सप्ताह पूर्व तक उन्हें 20 हजार रुपये में टिकट मिल रहा था। उन्हें लगा कि युद्ध जैसे हालात नहीं बनेंगे। अचानक बदले हालात में हवाई टिकट भी चार गुना महंगा हो गया है। बेटे की वापसी के लिए उन्हें 28 फरवरी का टिकट 65 हजार रुपये में मिला है। उन्होंने कहा कि पैसे की कोई चिंता नहीं हैं, बस बेटा सकुशल वापस आना चाहिए।
ठाकुरद्वारा का युवक यूक्रेन से वापस लौटाः ठाकुरद्वारा के रतूपुरा मोड़ निवासी महताब आलम यूक्रेन में एमबीबीएस कर रहे थे। दो दिन पहले ही वह यूक्रेन से वापस आने के बाद सीधे अपने गांव पहुंच गए। महताब ने बताया कि वह यूक्रेन के डिनिप्रो शहर की मेडिकल यूनिवर्सिटी से एमबीबीएस कर रहे हैं। तनाव के हालात को देखते स्वजन ने उनकी तत्काल वापसी के लिए टिकट कराया था। दो दिन पूर्व ही वह सुरक्षित घर लौटे हैं। गुरुवार को हमले का दृश्य टीवी पर देखकर वह खुद सहम गए। महताब ने बताया कि अभी भी उसका मित्र उस्मान अंसारी निवासी यूक्रेन में फंसा है। वह मऊ जनपद का निवासी है। यूक्रेन जाने वाली लगभग सभी फ्लाइट को कैंसिल कर दी गई हैं।