उत्तराखंड के चीन-नेपाल बार्डर पर डेमोग्राफिक बदलाव की सूचना खुफिया विभाग पहले ही दे चुकी है। अब नैनीताल जिले में रोहिंग्या मुसलमानों के घुसपैठ की आंशका का इनपुट खतरे की घंटी जैसा है। इसी को देखते हुए पुलिस ने सत्यापन शुरू कर दिया है। एसएसपी के आदेश के बाद सभी क्षेत्रों में सीओ सिटी को जांच अधिकारी बनाया गया है। साथ ही सिपाही अपने क्षेत्र में जाकर विशेष समुदाय के लोगों का भौतिक सत्यापन करेंगे।
दरअसल, पुलिस को इनपुट मिला है कि जिले में कुछ रोहिंग्या मुसलमानों ने घुसपैठ की है। विशेष धर्म वाले क्षेत्रों में ये अपनी जमीन तलाश रहे हैं। हालांकि इनके आने का कोई ठोस सबूत अभी तक पुलिस के पास नहीं है। पर रोहिंग्या मुसलमानों से जुड़े मामले को पुलिस हल्के में नहीं लेना चाहती।
पुलिस अधिकारियों ने रोहिंग्या मुस्लमानों को लेकर जांच बैठा दी है। जिलों के सभी सीओ को अपने-अपने क्षेत्र में विशेष समुदाय के लोगों का सत्यापन कराने को कहा गया है। रोहिंग्यों से जुड़ा इनपुट सही मिला तो पुलिस इनके खिलाफ अगला कदम उठाएगी।
क्या हैं रोहिंग्या मुस्लमान
रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार के रखाइन राज्य व बांग्लादेश के चटगांव क्षेत्र के निवासी हैं। यह मूल रूप से सुन्नी मुसलमान होते हैं। म्यांमार में विवाद होने के बाद यह थाईलैंड, भारत व बांग्लादेश आदि देशों में शरणार्थी व घुसपैठ कर रहे हैं। भारत में इनकी संख्या करीब 40 से 50 हजार है। इनमें से 16,500 यूएनएचसीआर से पंजीकृत हैं। बाकि अवैध रूप से रह रहे हैं।
देश के कई राज्यों में अवैध घुसपैठ कर इनके रहने की सूचना है। यह जम्मू कश्मीर से साउथ के राज्यों में रह रहे हैं। हाल ही में कई राज्यों की पुलिस ने इन्हें मानव तस्करी, नशे की तस्करी आदि अपराधों में लिप्त होने की भी सूचनाएं मिली हैं। ऐसे में उत्तराखंड पुलिस को इनके घुसपैठ की सूचना पर चौकन्ना हो गई है।
एसएसपी पंकज भट्ट ने कहा कि रोहिंग्या मुसलमान को लेकर जिले में सत्यापन शुरू करा दिया है। इनकी मौजूदगी मिली तो अगला कदम जल्द बढ़ाया जाएगा। फिलहाल जांच चल रही है।