उत्तराखण्ड की राजधानी देहरादून में वन विभाग एक्शन मोड़ पर नजर आया है. वन विभाग ने सख्त कार्रवाई करते हुए जंगल की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए गए धार्मिक स्थलों पर आखिरकार वन विभाग का बुलडोजर चलना शुरू हो गया है. पहले दौर में देहरादून वन प्रभाग में 17 में से 15 मजारों को ध्वस्त कर दिया गया है.
इस कार्रवाई के बाद वन विभाग की टीम टिन-टप्पर, लोहा, ईंट, गारा सब उठाकर ले गई. पूर्व में शासन की ओर से अतिक्रमण कर बनाए गए ऐसे धार्मिक स्थल चयनित करने के आदेश दिए गए थे. देहरादून वन प्रभाग के डीएफओ नीतिश मणि त्रिपाठी ने कार्रवाई की पुष्टि की है.
बता दें उत्तराखंड में बीते कुछ सालों में सरकारी भूमि (विशेषकर वन भूमि) पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जे कर धार्मिक स्थल खड़े कर दिए गए. कई जगह तो वन रेंज चौकी के नजदीक ही अतिक्रमण कर धार्मिक स्थल बना दिए गए. नैनीताल हाईकोर्ट भी इस संबंध में कई बार राज्य सरकार और वन विभाग को फटकार लगा चुका है.
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इसे गंभीरता से लेते हुए वन मुख्यालय को ऐसे अतिक्रमणों को चिह्नित कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे. ध्वस्तीकरण की पहली कार्रवाई देहरादून वन प्रभाग के अंतर्गत की गई. यहां कुल 17 मजारें अतिक्रमण के दायरे में आ रही थीं, लेकिन दो मजार प्रबंधकों की ओर से जमीन संबंधी कागज दिखाने के बाद उन्हें छोड़ दिया गया.