कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शुकवार को कैंप कार्यालय में कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की. समीक्षा बैठक के दौरान कृषि मंत्री गणेश जोशी ने विभाग द्वारा अब तक किए जा रहे कार्यों की प्रगति की जानकारी ली. मंत्री ने बैठक में विभागीय अधिकारियों को केंद्रीय योजनाओं एवं राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए.
मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को विभिन्न बिंदुओं पर कार्य करने के निर्देश दिए. मंत्री गणेश जोशी ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि, “राज्य में मिलेट (श्रीअन्न) के उत्पादन को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित की जाए. मिलेट्स के उत्पादन किसान अधिक से अधिक करे, इसके लिए सशक्त कार्य योजना बनाई जाए. मिलेट्स के क्षेत्र में जो राज्य बेहतर कार्य कर रहे हैं, वहां जाकर अध्यन करें और उनके अनुभवों को राज्य में क्रियान्वयन किया जाए.” इसके अलावे बैठक के दौरान मंत्री ने दलहन के उत्पादों को भी बढ़ाने की बात कही.
साथ ही मंत्री ने, भूमि की उर्वरा क्षमता बनी रहे इस पर भी अधिकारियों को निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि, “भूमि की उत्पादक क्षमता बनी रहे; इसके लिए प्रेस्टीजसाइज का कम से कम इस्तेमाल हो, इसके लिए अधिकारियों को एक दीर्घकालिक रणनीति बनाने के निर्देश दिए. प्रेस्टीसाइज के इस्तेमाल से उत्पादन तेजी से होता है,परंतु भूमि की उर्वरक क्षमता कम हो जाती है. प्रेस्टीसाइज का इस्तेमाल कम से कम हो इस पर विशेष ध्यान दिया जाय. उन्होंने जैविक खेती, एवं परंपरागत फसलों की ओर किसानों को प्रोत्साहित किया जाए.
साथ ही मंत्री ने अधिकारियों को बंदरों समेत दूसरे वन्य जीवों से फसल क्षति की समस्या के निराकरण करने को लेकर भी ठोस नीति बनाने के निर्देश दिए; जिससे कृषकों की फसलों के नुकसान को सुरक्षित किया जा सके.
मंत्री ने कहा प्रदेश में एफपीओ की तारीफ की, कहा एफपीओ अच्छा कार्य कर रहा है. उन्होंने एफपीओ को बढ़ाएं जाए जाने के भी अधिकारियों को निर्देशित किया. उन्होंने कहा जो फसलें बिलुप्त हो रही है उन्हें पुनर्जीवित किया जाए. मंत्री ने, प्रधानमंत्री कृषि योजना के ‘ड्राप मोर क्राप’ घटक के अन्तर्गत पर्वतीय क्षेत्रों में उपलब्ध जल के माध्यम से सिंचाई सुनिश्चित करते हुए कृषकों की भूमि पर सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली (ड्रिप / स्प्रिंक्लर ) से हो; इसके भी निर्देश अधिकारियों को दिए. उन्होंने कहा सूक्ष्म सिंचाई प्रणाली की स्थापना सिंचाई एवं लघु सिंचाई विभाग समन्वय स्थापित कर सुनिश्चित की जाय.
बैठक के दौरान मंत्री गणेश जोशी ने प्रदेश के किसी 2 गांव को पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर स्वैच्छिक चकबंदी हेतु कार्य योजना तैयार करने के भी अधिकारियों को निर्देश दिए. मंत्री ने कहा, किसानों को किस प्रकार से अधिक से अधिक मुनाफा हो उस पर विशेष ध्यान दिया जाए. मंत्री ने कहा, राज्य सरकार किसानों के कल्याण और उनकी आजीविका में वृद्धि करने के लिए निरंतर प्रयासरत हैं.