देहरादून के विकासनगर में ढलती शाम और घर के आंगन में खेलते पांच चचेरे भाई-बहन…सभी की उम्र चार से आठ साल के बीच। अचानक जंगल से एक गुलदार आया और बच्चों के चारों ओर गोल-गोल चक्कर लगाने लगा।
माजरा समझ में आते ही उनमें सबसे बड़ी आठ साल की नाजिया ने हिम्मत से काम लिया और डरकर भागने के बजाय तीन भाइयों को मौत के मुंह से खींच ले गई। हालांकि, चार साल के एक मासूम को गुलदार उसकी नजरों के सामने से उठा ले गया।
उस समय मृतक अहसान की मां अर्जिना, पिता जोशिन और आसपास रहने वाले रिश्तेदार घर की तारबाड़ से सटे खेत में थे। चचेरे भाई-बहन अहसान, वसीम, नदीम, नाजिया और नसीम घर के आंगन में खेल रहे थे। इसी दौरान नाजिया की नजर गुलदार पर पड़ी, जो अचानक सामने आकर खड़ा हो गया और खेल रहे बच्चो के चारो तरफ घूमने लगा तभी नाजिया ने हिम्मत दिखाते हुए अपने भाई बहनो को बचाया फिर भी चार साल के बच्चे को वो नहीं बचा पाई।
सहसपुर की शंकरपुर ग्राम पंचायत की महमूदपुर बस्ती में शनिवार देर शाम गुलदार के हमले की चश्मदीद नाजिया के चेहरे पर अब भी खौफ बरकरार है। बात करते-करते बीच-बीच में वह रोने लगती है। घर वाले चुप कराते हैं तो बताती है कि किस तरह घर में गुलदार आया और उसके साथ खेल रहे मामा के चार साल के बेटे अहसान को उठाकर ले गया।
मौके पर मौजूद शंकरपुर ग्राम पंचायत के निवासी सलीम, फुरकान, आदिल, अयान ने बताया कि क्षेत्र में गुलदार लगभग आठ-नौ महीनों से लगातार दिखाई दे रहा है। इसकी सूचना वन विभाग को ग्रामीण देते रहे हैं। लेकिन, वन विभाग इस मामले में लापरवाह बना रहा।
घटना के बाद वन विभाग ने गुलदार की मौजूदगी से सावधान रहने की चेतावनी देने के लिए क्षेत्र में एनाउंसमेंट शुरू कर दिया है। इसके अलावा गुलदार की मौजूदगी के संभावित स्थानों पर तीन पिंजरे भी लगाए जा रहे हैं। डीएफओ अमरेश कुमार ने बताया कि गुलदार को ट्रैंकुलाइज करने की कोशिश भी की जाएगी। जरूरत पड़ने पर उसे आदमखोर भी घोषित किया जाएगा।