उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में दोषी पुलकित आर्या ने कोटद्वार कोर्ट द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सजा के खिलाफ उत्तराखंड हाईकोर्ट में अपील दायर की है। सोमवार, 7 जुलाई को इस अपील पर उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई।

वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने निचली अदालत का रिकॉर्ड तलब किया गया। मामले की अगली सुनवाई 18 नवंबर 2025 को तय की गई है।
इससे पूर्व, कोटद्वार की अदालत ने 30 मई 2025 को आईपीसी की धारा 302, 354A और 201 के तहत पुलकित आर्या सहित तीनों आरोपियों को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। सुनवाई के दौरान अदालत में 47 गवाह पेश किए गए थे।
सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान दोषी पक्ष की ओर से कहा गया कि मामले का कोई प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं है और अंकिता का शव कैनाल से बरामद किया गया था। वहीं सरकार की ओर से प्रस्तुत किया गया कि पुलकित और उसके साथियों की लोकेशन घटनास्थल पर मिली, जिसकी पुष्टी फॉरेंसिक जांच में भी हुई है। इसके अलावा, अंकिता द्वारा अपने व्हाट्सएप चैट में भी घटना का जिक्र किया गया था।
सरकारी पक्ष ने यह भी बताया कि आरोपियों ने वनंत्रा रिसोर्ट के सीसीटीवी कैमरे बंद करवाए थे और डीवीआर से छेड़छाड़ की थी।
पूरा मामला:
22 वर्षीय अंकिता भंडारी, पौड़ी जिले के डोभ श्रीकोट की निवासी थी और यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिसोर्ट में कार्यरत थी। रिसोर्ट स्वामी पुलकित आर्या, सौरभ भास्कर और अंकित ने अंकिता को चीला बैराज में धक्का देकर हत्या कर दी थी। मामले की जांच के बाद तीनों को पुलिस ने गिरफ्तार किया और कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई। सभी तीनों दोषी इस समय जेल में हैं।