चमोली: जोशीमठ ब्लॉक के पांच गांवों के लोगों को अब एक जगह से दूसरी जगह जाने के लिए पैदल सफर नहीं करना पड़ेगा।यहां सड़क बनाने से लोगो की आंखे भर आयी है ,खुशी से झूम उठे है.
बुजुर्गों की आंखें हुई नम
कई सालों के आंदोलन के बाद यहां पाखी-ह्यूंणा-लांजी-पोखनी-द्वींग तपोण सड़क का निर्माण शुरू हो गया है। सड़क बनते देख बुजुर्गों की आंखें नम हो गईं। उन्होंने कहा कि गांव की करीब पांच किलोमीटर की पगडंडी से पैदल चलते-चलते एड़ियां घिस गईं। मगर अब इस बात की खुशी है कि उम्र के इस पड़ाव में गांव तक वाहन से जा सकेंगे।
सालों से कर रहे थे आंदोलन
सड़क निर्माण से क्षेत्र की करीब 1000 की आबादी को यातायात की सुविधा मिलेगी। जोशीमठ ब्लॉक के पांच गांवों के लोग पाखी-ह्यूंणा-लांजी-पोखनी-द्वींग तपोण सड़क के निर्माण की मांग को लेकर सालों से आंदोलन कर रहे थे।
तीन साल अटका रहा सड़क निर्माण का काम
वर्ष 2013 में पाखी-ह्यूंणा-लांजी-पोखनी-द्वींग तपोण सड़क को शासन की स्वीकृति मिली थी, जबकि वर्ष 2020 में सड़क को वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति मिली। उसके बाद तीन साल तक बजट के अभाव में सड़क निर्माण का काम अटका रहा।
दो करोड़ 34 लाख की स्वीकृति मिली
ग्रामीणों ने सड़क निर्माण को लेकर आंदोलन किया और अब तीन साल बाद सड़क निर्माण का काम शुरू हो गया है। लोनिवि के अधिकारी राजवीर चौहान ने बताया कि सड़क निर्माण के लिए प्रथम चरण में दो करोड़ 34 लाख की स्वीकृति मिली है।
बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने में सहूलियत होगी।
एक वर्ष में हिल कटिंग पूरी कर ली जाएगी। अलकनंदा पर लगभग 80 मीटर और लांजी व द्वींग गांव के बीच 30 मीटर लंबे मोटर पुल का निर्माण भी होगा। सड़क निर्माण शुरू होने से गांव वाले बेहद खुश हैं। ह्यूंणा गांव में रहने वाले 70 वर्षीय कुंदन सिंह कहते हैं कि अभी उन्हें एक जगह से दूसरी जगह पहुंचने के लिए 5 किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है। सड़क बनने से गांवों से पलायन रुकेगा। बीमार लोगों को अस्पताल पहुंचाने में सहूलियत भी होगी। ग्रामीणों ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए हमने जो संघर्ष किया उसे भुलाया नहीं जा सकता।