मुजाहिद अली
सितारगंज। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सामने दो अगस्त से धरने पर बैठी आशाओं में से एक आशा धरने के दौरान अचानक बेहोश हो गयी ।जिससे धरने पर उनके साथ बैठी आशायें एक दम घबरा गयी ।इसी दौरान कुछ आशायें सीएचसी में ड्यूटी पर बैठी चिकित्सक को बुलाने गयी लेकिन चिकित्सक केविन से निकल बाहर नहीं आयी ओर बेहोश आशा को अस्पताल में लाने को कहा ।जिसके बाद आशायें बेहोश आशा को अस्पताल लेकर गयी जहां तैनात अन्य चिकित्सक द्वारा उसका इलाज शुरू किया ।आशाओं का कहना था कि स्वास्थ्य विभाग में तैनात चिकित्सक जब अस्पताल गेट तक आने में असमर्थ है तो वह अन्य मरीज़ों के प्रति कितनी सजग होंगी जबकि दूसरी डाक्टर द्वारा बेहोश आशा का इलाज किया गया ।आशा लगातार धरने पर रहने के कारण बीमार पड़ी उसे कुछ दिन से हल्का बुख़ार था लेकिन फिर भी धरने में शामिल हो रही थी ।बता दे कि अपनी बारह सुत्रिय माँगों को लेकर आशा वर्कर प्रदेश सरकार के ख़िलाफ़ धरने पर है ।लेकिन प्रदेश सरकार उनकी माँगों को लेकर गम्भीर नहीं है