अखबार बेचकर पढ़ाई करता है गौतम, सुबह 3 बजे उठकर करता है सेना में भर्ती की तैयारी।
किशोरावस्था जिंदगी में मौज-मस्ती के साथ बड़े सपने देखने की होती है. इस उम्र में अल्हड़पन तो होता है, लेकिन मासूमियत के साथ शरारत भी साथ-साथ चलती रहती है. इस उम्र में बच्चे कमाने के सपने जरूर देखते हैं, लेकिन कमाने के लिए बमुश्किल ही घर की दहलीज को लांघते हैं.
पहाड़ों में कड़ाके की ठंड जब अपने शबाब पर होती है, उस वक्त सुबह होने से पहले अंधेरे साये में गौतम घर-घर दरवाजों तक ताजा खबरें पहुंचाता है. यह शौक नहीं मजबूरी है, क्योंकि इस छोटी उम्र में उसको अपने साथ परिवार को भी पालना है. हम बात कर रहे हैं चमोली जनपद के गौचर में रहने वाले 17 साल के गौतम की, जो सुबह का इंतजार न कर अंधेरे में ही सड़कों पर दौड़ लगाकर अखबार बांटने के लिए घर से निकल पड़ता है.
कौन है गौतम?
राजकीय इंटर कॉलेज गौचर में पढ़ने वाला 17 वर्षीय गौतम 12वीं का छात्र है और वह गौचर पनाई का निवासी है. गौतम के परिवार में माता-पिता सहित चार लोग हैं, जिनमें से पिताजी बेरोजगार हैं, माता गृहणी और बड़ी बहन बीमार रहती है. ऐसे में गौतम ने घर के खर्च को उठाने के लिए अखबार बेचना शुरू किया और वह गौचर के तमाम स्थानों में दौड़-दौड़ कर अखबार का वितरण करता है।
गौतम के इस जज्बे को हमारा सैल्यूट है और हम उसके उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हैं।