नैनीताल: चारधाम यात्रा पर लगी रोक के चलते चौतरफा घिरती जा रही धामी सरकार को आखिरकार गुरुवार को नैनीताल हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिल गई। चीफ जस्टिस आरएस चौहान और जस्टिस आलोक कुमार वर्मा की बेंच ने सरकार के शपथपत्र पर सुनवाई करते बड़ी राहत दे दी।
ज्ञात हो कि हाईकोर्ट ने 26 जून को कोरोना संक्रमण के खतरे और राज्य सरकारी की आधी-अधूरी तैयारियों के चलते चारधाम यात्रा पर रोक लगा दी थी जिसके बाद जुलाई में धामी सरकार चार हफ्ते की हाईकोर्ट स्टे के खिलाफ एसएलपी लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी। लेकिन जुलाई-अगस्त दो माह बीत जाने के बाद भी सरकारी वकील मामले की लिस्टिंग तक नहीं करा पाते|
इधर स्थानीय कारोबारियों, तीर्थ-पुरोहितों और विपक्ष की घेराबंदी से धामी सरकार बैकफुट पर आ चुकी थी। लिहाजा सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से एसएलपी वापिस लेकर दोबारा 10 सितंबर को हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया जहां उसे राहत मिल गई।
माननीय न्यायालय द्वारा कुछ प्रतिबंधों के साथ यात्रा करने की अनुमति दी है न्यायालय द्वारा बद्रीनाथ धाम में प्रतिदिन 1200, केदारनाथ धाम में 800, गंगोत्री धाम में 600 यमुना में 400 यात्री प्रतिदिन दर्शनों की अनुमति प्रदान की है, साथ ही कोविड नेगेटिव रिपोर्ट और वैक्सीन की दो दोज का प्रमाण पत्र साथ लाना अनिवार्य होगा, श्रद्धालुओं द्वारा कुंड में स्नान प्रतिबंधित होगा,
माननीय न्यायालय द्वारा यात्रा के दौरान उचित उचित स्वास्थ्य सेवाएं, पुलिस बल उपलब्ध कराने के सरकार को निर्देश दिया है