कैलास मानसरोवर यात्रा, जिसे हिंदू आस्था में अत्यंत पवित्र और आत्मिक जागरण का मार्ग माना जाता है, की औपचारिक शुरुआत उत्तराखंड के टनकपुर से हुई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहले दल को हरी झंडी दिखाकर यात्रा पर रवाना किया, और श्रद्धालुओं से संवाद करते हुए इसे एक अद्भुत और जाग्रत करने वाला अनुभव बताया।

प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प से खुला मार्ग
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दृढ़ संकल्प और दूरदर्शिता के कारण ही कैलास मानसरोवर यात्रा का मार्ग अब सुगम और सुरक्षित हो पाया है। भारत ने सीमा क्षेत्रों तक सड़क मार्ग का विस्तार कर न केवल रणनीतिक उपलब्धि हासिल की है, बल्कि धार्मिक और सांस्कृतिक यात्राओं को भी सरल बना दिया है।
उत्तराखंड सरकार की प्रतिबद्धता सुरक्षा और सुविधा के लिए
धामी ने स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सरकार यात्रियों की सुरक्षा, सुविधा और स्वास्थ्य सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दे रही है। यात्रा मार्ग पर आधारभूत ढांचे का विकास, राहत-बचाव प्रबंधन और आपातकालीन चिकित्सा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किया गया है।
टनकपुर से शुरू होकर शिव से साक्षात्कार तक की यात्रा
टनकपुर से रवाना हुआ यह दल एक लंबी, कठिन परंतु श्रद्धा से भरी यात्रा की शुरुआत है। मुख्यमंत्री ने यात्रियों को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि यह केवल एक तीर्थ नहीं, शिव से आत्मिक साक्षात्कार की ओर बढ़ने वाला पथ है।

राज्य के लिए गौरव और आध्यात्मिक उत्तरदायित्व का क्षण
यह अवसर उत्तराखंड के लिए न केवल गौरव का प्रतीक, बल्कि एक आध्यात्मिक उत्तरदायित्व भी है—जहाँ से हजारों श्रद्धालु विश्व के सबसे ऊंचे तीर्थ कैलास मानसरोवर की यात्रा आरंभ करते हैं। सरकार का प्रयास है कि यह यात्रा श्रद्धालुओं के लिए यथासंभव सहज, सुरक्षित और सार्थक बन सके।
उत्तराखंड की पवित्र भूमि से उठती यह यात्रा अब प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के नेतृत्व में संरक्षित, समर्पित और सुव्यवस्थित मार्ग से होकर शिवधाम तक पहुंचेगी।