उत्तराखंड की मशहूर साहित्यकार डॉ. कविता भट्ट को गार्गी नेशनल योगिनी अवॉर्ड से नवाजा गया है।डॉ. कविता भट्ट रुद्रप्रयाग के कालीमठ घाटी में स्थित कोटमा की रहने वाली हैं। उनकी इस शानदार उपलब्धि से केदारघाटी में खुशी की लहर है।
कविता भट्ट को गार्गी नेशनल योगिनी अवॉर्ड से किया सम्मानित
बीते दिनों परमार्थ निकेतन आश्रम ऋषिकेश में राष्ट्रीय अवार्ड्स सेरेमनी कार्यक्रम का आयोजन हुआ, जिसमें दर्शनशास्त्र की व्याख्याता डॉ. कविता भट्ट को गार्गी नेशनल योगिनी अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर योग दर्शन से संबंधित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन भी आयोजित किया गया। जिसमें योगिनियों ने योग दर्शन के विभिन्न पक्षों पर अपने व्याख्यान और शोध पत्र प्रस्तुत किए। साथ ही योग से संबंधित पेंटिंग प्रदर्शनी और सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए गए। डॉ. कविता भट्ट वर्तमान में दर्शनशास्त्र विभाग में एचएनबी गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल में सहायक आचार्य के रूप में सेवारत हैं।
25 वर्षों से कर रही काम
वह हिमालयी राज्यों के सुनियोजित विकास पर केंद्रित हिमालयन पीपल पॉलिसी की ड्राफ्टिंग कमेटी की सदस्य रह चुकी हैं। डॉ. कविता भट्ट पिछले 25 वर्षों से भारतीय दर्शन, योग दर्शन, गीतादर्शन, महिला सशक्तीकरण और हिन्दी साहित्य पर केंद्रित लेखन और योग के प्रसार को लेकर समर्पित हैं।
27 पुस्तकें लिख चुकी डॉ
वे अब तक 27 पुस्तकें, दर्जनों शोधपत्र, सैकड़ों लोकप्रिय आलेख और साहित्यिक रचनाएं सृजित कर चुकी हैं। बता दें कि गार्गी नेशनल योगिनी अवॉर्ड योग दर्शन केंद्रित शैक्षणिक लेखन, व्याख्यानों और इसके वैश्विक प्रसार को लेकर समर्पित नारी शक्ति को प्रदान किया जाता है। इस बार विदेशों में योग के प्रचार को समर्पित तीन और भारत में कार्यरत चार महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय योगिनी अवॉर्ड दिए गए।