उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष समेत सभी युवाओं को जमानत मिल गई है। थोड़ी देर में सीजेएम लक्ष्मण सिंह की कोर्ट से लिखित आदेश जारी होंगे। सीजेएम कोर्ट में बॉबी समेत सभी आरोपियों पर जानलेवा हमले की धारा लगाने और छह आरोपियों की जमानत रद्द करने की मांग पर हुई बहस।
उत्तराखंड बेरोजगार संघ के अध्यक्ष बॉबी पंवार को जमानत मिल गई है। उनके साथ ही सभी समेत सभी युवाओं को जमानत मिल गई है। इसके लिए सीजेएम लक्ष्मण सिंह की कोर्ट से थोड़ी देर में लिखित आदेश जारी किए जाने की संभावना हैं। आज दिन भर कोर्ट रूम में मौसम बदलता रहा। पुलिस पक्ष और बचाव पक्ष दोनों की ओर अपनी-अपनी दलीलें पेश की गई।
बॉबी समेत सात की जमानत पर मंगलवार को फैसला टल गया था। जिस पर आज बुधवार को सुनवाई हुई। विडियो कॉफ्रेंसिंग के माध्यम से बॉबी पंवार औक उनके साथियों को पेश किया गया। सीजेएम कोर्ट में बॉबी समेत सभी आरोपियों पर जानलेवा हमले की धारा लगाने और छह आरोपियों की जमानत रद्द करने की मांग पर हुई बहस।
पुलिस की तरफ से कोर्ट में घायल पुलिस कर्मियों के मेडिकल रिपोर्ट पेश की गई। इन पुलिस कर्मियों पर जानलेवा हमले का तर्क दिया गया। बचाव में अभियोजन पक्ष की इस दलील का विरोध करते हुए इस रिपोर्ट पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अगर पुलिसकर्मी घायल थे तो अधिकारियों ने बाद में उनसे ड्यूटी क्यों कराई।
इसके बाद छह आरोपियों की जमानत रद्द करने पर कोर्ट में जोरदार बहस हुई। बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि ना ही उनके मुव्वकिल ने किसी पर जानलेवा हमला किया। ना ही किसी को जानलेवा हमले के लिए उकसाया या कोई भी भड़काऊ भाषण नहीं दिया। पुलिस द्वारा जो धाराएं लगाई गई हैं वो महज उनके मुव्वकिल को जेल में रखने के लिए जानबूझ कर लगाई गई हैं।
जबकि अभियोजन पक्ष का ये तर्क था कि बॉबी पंवार के साथियों ने ही पुलिस पर हमला किया तथा इनके बाहर आने पर कानून व्यवस्था खराब हो सकती है। इस पर माननीय न्यायालय का कहना था कि कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस का दायित्व है। और कानून व्यवस्था तोड़ने पर सख्ती से कार्रवाई होनी चाहिए। परंतु वर्तमान में बॉबी पंवार पर धारा 307 प्रथम दृष्टया प्रतीत नहीं होती। इसलिए माननीय न्यायालय ने बॉबी पंवार से धारा 307 हटाने का निर्णय लिया गया।