उत्तराखंड में मौसम का पारा चढ़ा हुआ है। पर्वतीय क्षेत्रों में भी अब प्रकृति मेहरबान होती नजर नहीं आ रही है। मई महीने के मध्य में उत्तराखंड में तपिश लोगों को झुलसा रही है। हल्दवानी में आज तापमान न्यूनतम 24 डिग्री और अधिकतम 37 डिग्री रहेगा। देहरादून में न्यूनतम तापमान 22 और अधिकतम 36 डिग्री रहेगा। गंगा नदी के किनारे बसे ऋषिकेश भी आज तपिश बरकरार रहेगी। यहां न्यूनतम तापमान 23 और अधिकतम 38 डिग्री रहेगा। वहीं चारधाम यात्रा पर आ रहे लोगों को भी अब गर्मी से जूझना पड़ रहा है। फिलहाल मौसम साफ होने के चलते यात्रियों की संख्या में वृद्धि हुई है।
केदारनाथ धाम में मौसम का मिजाज कभी भी बदल रहा है, जिसको देखते हुए 24 मई तक पंजीकरण पर रोक लगाई गई है। चारधाम यात्रा शुरू होने के बाद से ही मौसम का मिजाज बिगड़ा हुआ था। चारधाम में बारिश और बर्फबारी के कारण यात्रियों को काफी दिक्कतें उठानी पड़ी, लेकिन अब मौसम साफ है। अब ज्यादा से ज्यादा लोग चारधामों में दर्शनों के लिए पहुंच रहे हैं।
केदारनाथ में छाए बादल
केदारनाथ धाम में मौसम साफ होने के चलते बड़ी संख्या में यात्री पहुंचे हैं। हालांकि केदारघाटी में आंशिक रूप से बादल छाए हुए हैं। बाबा केदारनाथ के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है, जिसके चलते धाम में रोजाना भीड़ बढ़ रही है। अब तीर्थयात्रियों को बाबा के दर्शन के लिए समय भी कम मिल रहा है। सुबह 4 बजे से 10 बजे तक भीड़ कम रहने पर भक्तों को गर्भग्रह से केदार बाबा के दर्शन कराए जा रहे हैं। वहीं बदरीनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में भी फिलहाल मौसम साफ है।
हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने की तैयारी
हेमकुंड साहिब की यात्रा के लिए भी तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। हेमकुंड साहिब के कपाट 20 मई को खोले जाने हैं। यहां दर्शनों के लिए आने वाले श्रद्धालुओं को लगभग 60 मीटर का आस्था पथ बर्फ के बीच से तय करना होगा। हेमकुंड साहिब मार्ग पर इस समय 6 फीट तक पर जमी हुई है। गोविंदघाट और घांघरिया गुरुद्वारे में रंगरोगन का काम पूरा कर दिया गया है तो वहीं अटलाकुड़ी से हेमकुंड साहिब तक सेना के 40 जवान, 40 सेवादार और 34 मजदूर आस्था पथ से बर्फ हटाने में जुटे हुए हैं। हेमकुंड साहिब के ग्लेशियर प्वाइंट पर अभी भी करीब 6 फीट तक बर्फ जमी हुई है। जिसको देखते हुए यहां लगभग 60 मीटर तक बर्फ के बीच से आने जाने के लिए अलग-अलग रास्ते बनाए गए हैं।
यात्रियों की संख्या रहेगी सीमित
हेमकुंड साहिब में गुरुद्वारे के मुख्य द्वार के पास भी लगभग 4 फीट बर्फ जमी हुई है। आस्था पथ पर भारी बर्फ जमी होने के कारण बर्फ पिघलने तक घोड़े-खच्चरों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। गुरुद्वारा प्रबंधन ने निर्णय लिया है कि गोविंदघाट से दोपहर 2 बजे के बाद किसी भी तीर्थयात्री को घांघरिया नहीं भेजा जाएगा। जबकि घांघरिया से सुबह 10 बजे के बाद तीर्थयात्री हेमकुंड साहिब नहीं भेजे जाएंगे। गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अध्यक्ष नरेंद्र जीत बिंद्रा ने कहा है कि सांस संबंधित बीमारी वाले तीर्थयात्री और बच्चों को यात्रा पर न लाएं। जून महीने में बर्फ पिघल जाने के बाद ही इन लोगों को यात्रा पर आने दिया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा है कि जब तक आस्था पथ से बर्फ पिघल कर स्थिति सामान्य नहीं हो जाती तब तक तीर्थयात्रियों की संख्या भी सीमित ही रखी जाएगी।
केदारनाथ में तीन सेकेंड में दर्शन
चारधाम यात्रा में बाबा केदार के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं में भारी उत्साह है, जिसके चलते धाम में रोजाना भीड़ बढ़ रही है। केदारनाथ में बाबा के दर्शन के लिए एक श्रद्धालु को 3 से 5 सेकंड का समय मिल रहा है, लेकिन अब दिनो-दिन बढ़ती यात्रा में यह समय कम हो सकता है। सोमवार को दिनभर केदारनाथ में भक्तों की भीड़ जुटी रही। इस सीजन में 21 दिनों में ही दर्शनार्थियों का आंकड़ा तीन लाख के पार हो गया है। सुबह 4 से 10 बजे तक कम भीड़ रहने पर भक्तों को गर्भगृह से दर्शन कराए जा रहे हैं। बीकेटीसी के कार्याधिकारी रमेश चंद्र तिवारी ने बताया कि पिछले तीन दिनों केदारनाथ में प्रतिदिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है। सोमवार को बाबा के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं की लाइन संगम तक लगी रही।