देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की विवादों में घिरी परीक्षाओं पर आयोग ने बड़ा निर्णय लिया है। आयोग के अध्यक्ष जीएस मर्तोलिया ने चयन प्रक्रिया को लेकर हुई आयोग की बैठक में लिए गए निर्णयों की जानकारी मीडिया से साझा की है। कहा कि आयोग की तीन परीक्षाएं जिनकी एसटीएफ जांच चल रही है, रद की जाती है। जबकि 8 परीक्षाओं की भर्ती प्रक्रिया को लेकर परीक्षण कराया गया। इन परीक्षाओं को लेकर विधिक राय मांगी गई है। इसके बाद ही आगे निर्णय होगा। जबकि एलटी परीक्षा को लेकर चयन प्रक्रिया शुरू करने का निर्णय लिया गया है। एलटी परीक्षा के लिए 9 जनवरी से अभिलेख सत्यापन किया जाएगा। इधर, आयोग ने कई स्तर पर जांच-पड़ताल के बाद बेरोजगारों के हित मे यह निर्णय लिए हैं। इन निर्णय से आयोग पर धांधली से टूटा बेरोजगारों का भरोसा भी मजबूत होगा। जबकि आयोग ने गड़बड़ी करने वालों को भी स्पष्ट संदेश दे दिया है। उम्मीद है कि अब 2023 से आयोग में शुरू होने वाली भर्ती प्रक्रिया समय पर निष्पक्ष तरीके से निष्पादित होंगी।
उत्तराखंड में आयोग ने आज विवादित भर्ती परीक्षाओं को लेकर स्थिति स्पष्ट कर दी है। आयोग की तरफ से जारी प्रेस नोट में कहा गया कि ” उत्तराखण्ड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पूर्व में आयोजित 03 भर्ती परीक्षायें जिनकी स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा विवेचना की जा रही है तथा 8 भर्ती परीक्षायें जिनका आयोग द्वारा परीक्षण कराया गया से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर विचार-विमर्श के फलस्वरूप इन परीक्षाओं की आगे की चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में दिनांक 27-12-2022 को आयोजित आयोग की बैठक में निम्नवत निर्णय लिये गये…..
1- सहायक अध्यापक एल०टी० भर्ती परीक्षा 2020 (पदकोड-481) के आगे की चयन प्रक्रिया के सम्बन्ध में अवशेष विषयों का अभिलेख सत्यापन दिनांक 09 जनवरी, 2023 से प्रारंभ किया जायेगा।
2- (1) स्नातक स्तरीय परीक्षा परीक्षा की तिथि 04 05:12.2021 परिणाम 07.04.2022
(2) वन दरोगा परीक्षा तिथि 16 से 25.07.2021
परिणाम 08.01.2022
(3) सचिवालय रक्षक परीक्षा तिथि 26.09.2021 परिणाम 22.04.2022 स्पेशल टास्क फोर्स की विवेचना के दौरान।
उक्त परीक्षाओं में प्रश्न पत्र पढ़ाने एवं “अन्य अनुचित साधनों के प्रयोग के मामले प्रकाश में आये है, जिसके पुष्ट प्रमाण भी प्राप्त हुए हैं। इसके अतिरिक्त कई अन्य अभ्यर्थी भी इन प्रकरणो में सम्मिलित हुए होंगे, इसकी संभावना है। इससे स्पष्ट है कि उपरोक्त परीक्षाओं की पवित्रता दूषित हुई है।
उपरोक्त परीक्षाओं में निर्दोष अभ्यर्थियों तथा प्रश्न पत्र पढने व नकल करने वाले अभ्यर्थियों के मध्य विभेद (Segregation) करना संभव नहीं है, इसलिए पुर्न परीक्षायें करवाने का निर्णय लिया गया है।
आयोग ने इन परीक्षाओं पर मांगी विधिक राय
3–1. कनिष्ठ सहायक, 2. वैयक्तिक सहायक, 3.पुलिस रेकर्स (उपनिरीक्षक), 4.वाहन चालक, 5.कर्मशाला अनुदेशक, 6. मत्स्य निरीक्षक, 7. मुख्य आरक्षी दूर संचार।
अधिसूचना संख्या 63365/2022 दिनांक 14 सितम्बर, 2022 द्वारा प्रख्यापित उत्तराखण्ड लोक सेवा आयोग (कृत्यों का परिसीमन ) संशोधन विनियम 2022 में उपरोक्त भर्ती परीक्षायें लोक सेवा आयोग के अधीन किया गया है। इसमें अलग-अलग मत होने के कारण शासन से विधिक राय ली जा जा रही है, जिसके फलस्वरूप उक्त परीक्षाओं के सम्बन्ध में अग्रेतर कार्यवाही अमल में लायी जायेगी।