देहरादून में डीएम ने जनसुनवाई में लापरवाही करने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की। आरटीओ, एआरटीओ और लोनिवि के अधिशासी अभियंता का वेतन रोका गया। साथ ही, सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने और विधवा महिला को उसकी भूमि दिलाने के भी निर्देश दिए गए। जनसुनवाई में प्राप्त 118 शिकायतों में से अधिकांश का समाधान मौके पर ही कर दिया गया।

जनसुनवाई में अनुपस्थित रहने पर अधिकारियों पर कार्रवाई
जनता की समस्याओं को प्राथमिकता देते हुए जिलाधिकारी सविन बंसल ने जनसुनवाई में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की । जनसुनवाई के दौरान अनुपस्थित पाए जाने पर आरटीओ, एआरटीओ और लोनिवि के अधिशासी अभियंता का वेतन तत्काल प्रभाव से रोक दिया गया ।
सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित जनसुनवाई में कुल 118 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनमें से अधिकतर का मौके पर ही समाधान कर दिया गया। दिव्यांग महिला अंजना मालिक ने बस पास नवीनीकरण न होने की शिकायत की, जबकि वरिष्ठ नागरिकों ने बस चालकों की मनमानी और परिवहन विभाग की निष्क्रियता की बात कही।
जब डीएम ने इस पर संबंधित अधिकारियों से जवाब मांगा, तो पाया गया कि आरटीओ और एआरटीओ बिना अनुमति अनुपस्थित थे। इस पर दोनों का जवाब तलब करते हुए वेतन रोकने का आदेश जारी किया गया। इसी तरह लोनिवि से संबंधित एक मामले में अधिशासी अभियंता की गैरहाजिरी पर उनका वेतन भी रोका गया। जिलाधिकारी ने स्पष्ट चेतावनी दी कि जनता की शिकायतों में किसी भी प्रकार की लापरवाही अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

जिलाधिकारी के प्रमुख निर्देश और निर्णय:
सरकारी भूमि से अतिक्रमण हटाने का निर्देश- जिलाधिकारी ने अपर जिलाधिकारी को सख्त कार्रवाई के साथ ज़मीनी स्तर पर योजना बनाने के निर्देश दिए|
विकासनगर क्षेत्र पर विशेष ध्यान-भूमि फर्जीवाड़े की शिकायतों की अधिकता के चलते एसडीएम और तहसीलदार को प्रत्येक जनसुनवाई में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने का आदेश दिए |
विधवा महिला को दिलाया गया न्याय-ग्राम कुंजा की पीड़िता को पुलिस फोर्स की मदद से पुश्तैनी भूमि पर कब्जा वापस दिलाया गया।
अन्य प्रमुख निर्देश:
अपर तलाई निवासी कैलाश कुकरेती के खेत पर फेंके गए सड़क निर्माण के मलबे को हटाने के लिए एक सप्ताह की समयसीमा दी गई|
लखवाड़ बांध प्रभावितों को मुआवजा वितरण में तेजी लाने के निर्देश दिए गए|