कांवड़ मेले में इस बार भी डीजे प्रतिबंधित नहीं रहेगा। बल्कि पुलिस इसे नियंत्रित करेगी। यात्रा के दौरान कोई भी 12 फीट से ऊंची कांवड़ नहीं ला सकेगा।
चार जुलाई से 15 जुलाई तक कांवड़ यात्रा का आयोजन होना है। इस साल भी लगभग चार करोड़ से अधिक यात्रियों के आने की संभावना है। कांवड़ मेला क्षैत्र को 12 सुपर जोन, 32 जोन और 130 सेक्टरों में बांटकर सुरक्षा व्यवस्था की जाएगी।
ये निर्णय शुक्रवार को पुलिस मुख्यालय में हुई अंतरराज्यीय समन्वय बैठक में लिए गए। बैठक में सात राज्यों उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और पंजाब के पुलिस अधिकारियों और आईबी व अन्य सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने हिस्सा लिया।
इस दौरान तय किया गया कि हर कांवड़ यात्री को अपने साथ पहचानपत्र लाना अनिवार्य होगा। बैठक के बाद डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे और दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेस-वे को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश पुलिस यातायात प्लान बनाएगी। सभी चौराहों और यात्रा मार्ग पर जागरूकता वाले बोर्ड लगाए जाएंगे। इस बार भी डीजे को प्रतिबंधित नहीं किया गया है।
डीजीपी अशोक कुमार ने बताया कि यात्रा मार्ग पर उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड पुलिस का सीसीटीवी कवरेज भी पूरी तरह से ऑनलाइन है। इसके लिए सभी कैमरों को गुगल मैप के माध्यम से जोड़ा गया है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड पुलिस के 500 सीसीटीवी कैमरे हैं। जबकि, उत्तर प्रदेश पुलिस 1000 कैमरों से नजर रखेगी। उन्होंने बताया कि 333 सीसीटीवी कैमरे केवल हरिद्वार के मेला क्षेत्र में लगे हुए हैं।
कांवड़ मेले की सुरक्षा व्यवस्था के लिए हरिद्वार क्षेत्र में पांच हजार से अधिक पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात रहेंगे।