नई दिल्ली, महाराष्ट्र में सियासी संकट लगातार जारी है। शिवसेना के बागी विधायक और नेता असम के गुवाहाटी में मौजूद हैं। उनका नेतृत्व एकनाथ शिंदे कर रहे हैं। उनका दावा है कि उनके पास 40 से अधिक विधायकों का समर्थन है। इसके साथ ही यह भी खबर आ रही है कि एकनाथ शिंदे ने आज फिर बागी विधायकों की एक बैठक बुलाई है। शनिवार को भी बागी विधायकों की एक बैठक हुई थी।
सूत्रों के मुताबिक, बागी विधायकों के नेता एकनाथ शिंदे आज बुलाई गई बैठक में आगे की रणनीति को लेकर विधायकों से चर्चा करेंगे। बता दें कि शनिवार रात एकनाथ शिंदे और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मुलाकात हुई है। दोनों नेताओं की मुलाकात किन मुद्दों पर हुई और उसका नतीजा क्या रहा, ये सामने नहीं आया है।
वहीं शिवसेना के राज्यसभा सांसद ने एक ट्वीट करके बागी नेताओं पर निशाना साधा है। संजय राउत ने ट्वीट किया है कि कब तक छिपोगे गुवाहाटी में… आना ही पड़ेगा चौपाटी में… संजय राउत ने इससे पहले शनिवार को भी बागी नेताओं को लेकर बयान दिया था। उन्होंने बागी विधायकों को पर कार्रवाई की चेतावनी दी थी। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि उन्हें जो करना है करने दो, मुंबई में तो आना पड़ेगा ना। वहां बैठकर हमें क्या सलाह दे रहे हैं? हज़ारों-लाखों शिवसैनिक हमारे एक इशारे का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन हमने अभी भी संयम रखा है।
मेरी लड़ाई शिवसेना को एमवीए के चंगुल से बाहर निकालने के लिए है: शिंदे
शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे ने कहा कि शिवसेना कार्यकर्ताओं को समझना चाहिए कि वह पार्टी को महा विकास आघाड़ी (एमवीए) के चंगुल से बाहर निकालने के लिए संघर्ष रहे हैं। शिंदे ने यह अपील पार्टी अध्यक्ष एवं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के समर्थक कार्यकर्ताओं द्वारा उनके नेतृत्व वाले बागी विधायकों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करने, उनके बैनरों को हटाने, कुछ जगहों पर पथराव करने और पुणे में एक विधायक के कार्यालय में तोड़फोड़ करने के बाद की है। शिंदे ने ट्वीट कर कहा कि मेरे प्रिय शिवसेना के कार्यकर्ताओं, एमवीए की साजिश को समझने की कोशिश करें। मैं शिवसेना और शिवसेना कार्यकर्ताओं को एमवीए के चंगुल से बाहर निकालने के लिए लड़ रहा हूं। उन्होंने कहा कि मैं इस लड़ाई को शिवसेना कार्यकर्ताओं के हित में समर्पित करता हूं।
बालासाहेब के नाम के इस्तेमाल को लेकर छिड़ी जंग
शिवसेना की राष्ट्रीय कार्यकारिणी ने शनिवार को एक प्रस्ताव पारित कर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को बागियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अधिकृत किया है। शिवसेना के अधिकतर विधायकों के समर्थन का दावा करने वाले एकनाथ शिंदे के विद्रोह का सामना कर रही पार्टी की कार्यकारिणी ने एक प्रस्ताव भी पारित किया, जिसके मुताबिक कोई अन्य राजनीतिक संगठन शिवसेना और इसके संस्थापक दिवंगत बाल ठाकरे के नाम का उपयोग नहीं कर सकता है।