उत्तराखंड में हर साल बढ़ रहे बिजली के दाम , लोगों के लिए मुश्किलें खड़ी कर रहा है। ऊजा प्रदेश कहे जाने वाले राज्य में अब बिजली के दाम आसमान छूने जा रहे है। यूपीसीएल ने बिजली की दरों में भारी भरकम बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। बता दे की नए वित्तीय वर्ष में बिजली की दलों को 23 से 27 प्रतिशत तक बढ़ाने की मंजूरी दी गई है। वहीं अब यूपीसीएल ने नए वित्तीय वर्ष से बिजली की दरों में भारी-भरकम वृद्धि करने का फैसला लिया है।
वही उत्तराखंड में हर वर्ष बिजली की दरों में बढ़ोतरी का सिलसिला जारी है। इस साल बिजली की दरों में 9.64 प्रतिशत जबकि पिछले साल 2.68 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई थी। इस साल अप्रैल में दरों में बढ़ोतरी होने के साथ ही बिजली की दरें हर महीने बदल रही हैं। जिससे कई उपभोक्ता इन दरों के चक्कर में उलझ रहे हैं। यही नहीं वहीं अलग-अलग तरह के सरचार्ज में भी बदलाव आ रहे है, जिससे लोगों को बिजली की बिलों को लेकर चल रहे गणित को समझने मे दिक्कत आ रही है।
नए वित्तीय वर्ष यूपीसीएल के लिए होगा चुनौती पूर्ण
नए वित्तीय वर्ष में यह दरें लागू करना यूपीसीएल के लिए चुनौती पूर्ण होगा क्योंकि अगले साल देश में आम चुनाव होने हैं जिसकी प्रक्रिया मई माह तक चलेगी। ऐसे में नए वित्तीय वर्ष से बिजली की दरें बढ़ाना मुश्किल हो सकता है।
बता दे की बिजली की दरें बढ़ाने के प्रस्ताव पर बोर्ड ने मोहर लगा दी है , लेकिन इन बढ़ी हुई दरों पर विद्युत नियामक आयोग की सुनवाई होनी शेष है। उसके बाद ही इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। यूपीसीएल के इस निर्णय के बाद अब आम जनता की निगाहें विद्युत नियामक आयोग के फैसले पर टिकी हुई है।
वही उत्तराखंड में धामी सरकार ने उपभोक्ताओं को कई बार बिजली का झटका दिया जिसके चलते जनता की जैब डिली होती रही, बिजली के बढते दामों को देख उपभोक्ताओं के पसीनें छूटने लगे है। वही चुनाव से पहले किए गए बढ़े बढ़े वादे फिके पड़ रहे है। धरताल पर कुछ विकास होता नजर नहीं आ रहा ब्लकि जनता की मुश्किले और बढ़ गई है।