आज उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सतेराखाल पहुंचे। जहां उन्होंने श्री बद्रीनाथ जी की दिव्य आरती के रचयिता स्व. धन सिंह बर्तवाल जी के पैतृक स्थान पर पहुंचकर परिजनों से मुलाकात की।
त्रिवेन्द्र सिंह रावत के सतेराखाल पहुंचने पर स्थानीय जनता द्वारा फूल मालाओं और ढोल नगाड़ों के साथ भव्य स्वागत किया।
श्री रावत ने कहा कि कई वर्षों से देश और दुनिया के में बद्रीनाथ जी की आरती के लेखक के बारे में भ्रम था लेकिन 4वर्ष पहले उनके मुख्यमंत्री काल के दौरान बद्रीनाथ आरती के असली लेखक को लेकर सतेराखाल स्यूपुरी का बर्तवाल परिवार सामने आया। इस विषय में जब गहनता से जांच हुई थी तब रहस्य से पर्दा उठा था कि बद्रीनाथ आरती के असली लेखक धन सिंह बर्तवाल थे जिन्होंने 1881में आरती की रचना की थी।
उन्होंने इसे अपने कार्यकाल की बड़ी उपलब्धि बताते हुए कहा कि कार्बन डेटिंग व अन्य दस्तावेजों के आधार पर इस पर मुहर लगाई गई।
उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बहुत ही गर्व का विषय है और इससे साबित होता है कि हमारी सनातन परंपराएं कितनी मजबूत रही होंगी। उन्होंने कहा कि भविष्य में इस विषय को लेकर ठोस और प्रभावी कदम उठाए जाएंगे।
आरती की पांडुलिपि के शोधकर्ता महेंद्र सिंह बर्तवाल ने अभिनंदन पत्र का वाचन कर पूर्व मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि पूरा हिंदू समाज सदैव उनका ऋणी रहेगा।
कार्यक्रम का संचालन सामाजिक कार्यकर्ता गम्भीर सिंह बिष्ट ने किया।
इस दौरान यूसैक के पूर्व निदेशक प्रोफेसर महेंद्र प्रताप सिंह बिष्ट, बीकेटीसी के पूर्व उपाध्यक्ष अशोक खत्री, भाजपा जिलाध्यक्ष महावीर सिंह पंवार, पृथ्वीराज चौहान, त्रिलोचन भट्ट, सचेंद्र रावत, कृष्णानंद नौटियाल, त्रिभुवन बर्तवाल, जयकृत बिष्ट, सतेंद्रपाल बर्तवाल, धीरज बर्तवाल, दीक्षराज रावत, कल्पत सिंह, चंडी सेमवाल, विकास नौटियाल, प्रद्युमन बर्तवाल, अर्जुन नेगी, जीत सिंह मेवाल, हिम्मत रावत आदि मौजूद थे।